लॉकडाउन में भूखे कुत्तों ने 600 से ज्यादा लोगों को काटा, अस्पताल में इलाज नहीं मिल रहा

Posted By: Himmat Jaithwar
4/15/2020

ग्वालियर। अगर आप खाने पीने का सामान लेकर सडक़ से निकल रहे हैं तो आप सावधान हो जाइए। क्योंकि शहर की गली-मोहल्लों में विचरण करने वाले आवारा कुत्ते खाना नहीं मिलने के कारण खूंखार होकर पास से निकलने वाले लोगों को काट रहे हैं। कुत्ते द्वारा काटे गए पीडि़त मरीजों को अस्पताल में ओपीडी बंद होने के कारण इलाज नहीं मिल पा रहा है। शहर में लोगों को निशाना बना रहे इन कुत्तों को पकडऩे के लिए नगर निगम ने अभी तक कोई पहल नहीं की है।

मीट मार्केट बंद, 15000 मांसाहारी कुत्ते, 600 लोगों पर हमला किया

लॉकडाउन के चलते शहर के सभी होटल चिकन-मटन व मछली समेत खाने-पीने की दुकानें बंद होने से कुत्तों को खाना नहीं मिल पा रहा है। शहर में विचरण करने वाले भूखे कुत्तों का आलम यह है कि किसी भी व्यक्ति के हाथ में सामान देखते ही आवारा कुत्ते काटकर अपना शिकार बना लेते हैं। शहर में इन भूखे कुत्तों का आलम यह है कि शहर की सडक़ों व गली-मोहल्लों में आवारागर्दी करने वाले लगभग पन्द्रह हजार कुत्तों ने बीते एक सप्ताह में लगभग छह सैकड़ा लोगों को अपना शिकार बना डाला है।

बेजुबान जानवर जो कि मानव के इशारे को भलीभांति समझते हैं, शहर में चल रहे लॉकडाउन के कारण प्रदेश सरकार ने नगर निगम से सभी आवारा जानवरों के लिए चारा व खाने के इंतजाम करने के निर्देश दिए थे लेकिन लॉकडाउन के पूरे 21 दिन गुजरने के बाद भी निगम इनके खानपान की व्यवस्था नहीं कर सका है।

इंजेक्शन का पर्याप्त स्टॉक, लेकिन ओपीडी बंद 

जेएएच के पीएसएम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कुत्ते के काटे जाने पर संबंधित पीडि़त को एंटीरेबीज वैक्सीन व इलोविन इंजेक्शन का पर्यात स्टॉक है, कुत्ते के काटे जाने पर सामान्यत: एक महीने में चार इंजेक्शन लगाए जाते हैं। लेकिन बीते दिनों से मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में ओपीडी बंद होने के कारण जेएएच आने वाले लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन व इंजेक्शन देने के लिए ट्रॉमा व कैज्यूलिटी में व्यवस्था की गई है। 

इमरजेंसी व ट्रॉमा में इलाज

शहर में जारी लॉकडाउन के चलते सरकारी अस्पताल जेएएच व मुरार जिला अस्पताल में संचालित होने वाली ओपीडी कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते बंद है। ऐसे में कुत्तों के काटने का शिकार होने वाले लोगों को तत्काल इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। सिफारिश लगाने पर ऐसे लोगों को कैज्यूलिटी व ट्रॉमा सेंटर में इंजेक्शन लगाया जा रहा है। लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण कुत्ते के काटने का शिकार बने पीडि़तों को सरकारी व निजी अस्पताल बंद होने के कारण इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कुत्ते के काटे जाने का शिकार बने पीडि़त देशी इलाज कराने को मजबूर हैं।



Log In Your Account