भोपाल। मध्यप्रदेश में लगभग सत्तर हजार अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। आर्थिक तंगी की वजह से छतरपुर के लवकुश नगर के पठा निवासी अतिथि शिक्षक राधा राजपूत ने 8 अप्रैल को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। राधा राजपूत शास. प्राथमिक विद्यालय पठा में कार्यरत थी। ये अतिथि शिक्षकों की 46वीं आत्महत्या है। प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने सरकार से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। पुलिस ने अब तक आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं किया है।
प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रशेखर राय और द्वारका प्रसाद तिवारी ने बताया कि अतिथि शिक्षकों को प्रतिमाह मानदेय ना देकर वर्ष में दो बार में मानदेय दिया जाता है। तकनीकी समस्यायों की वजह से हजारों अतिथि शिक्षकों के नाम पोर्टल पर नहीं दर्ज हो पाए हैं। जिसकी वजह से उनको पिछले जुलाई 2019 से मानदेय नहीं मिल पाया है। दमोह जिले के हटा, जवेरा, पथरिया एवं टीकमगढ़ जिले के खरगापुर, मोहनगढ़, भेलसी, डिगौरा संकुल केंद्रों पर दिसंबर से मानदेय नहीं मिला है। इनके अलावा भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में कई महीनों से अतिथि शिक्षकों को मानदेय नहीं मिलने से अनेक आर्थिक समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है।अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने सरकार से अतिथि शिक्षकों को शीघ्र मानदेय देने की का निवेदन किया है।
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के संस्थापक पी डी खेरवार और अनीता हरचंदानी ने झाबुआ और सिंगरौली जिले के पीड़ित अतिथि शिक्षक परिवारों को शीघ्र आर्थिक सहायता देने के लिए शासन प्रशासन को धन्यवाद दिया है। कार्यकारी अध्यक्ष आयुषी तिवारी और मयूरी चौरसिया ने माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन किया है कि अतिथि शिक्षकों को कोरोना आपदा में वोलेंटियर्स बनाने और अतिथि शिक्षकों की सेवाओं को मई जून तक आगे बड़ाने की मांग की है।