क्लाउड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म Zoom की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. कोरोना लॉकडाउन की वजह से दुनिया भर में तेजी से Zoom यूजर्स बढ़े और अब प्राइवेसी को लेकर बड़ी समस्या आने लगी है.
ब्लीडिंग कंप्यूटर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 5 लाख से ज्यादा Zoom अकाउंट को डार्क वेब में बेचा जा रहा है. हैरानी की बात ये है कि लाखों लोगों का डेटा यहां सस्ते में बेचा जा रहा है. कई जगहों पर Zoom यूजर्स का डेटा तो फ्री में ही बेचा जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक Zoom यूजर्स को इस बात का अंदाजा भी नहीं होता है कि उनका डेटा बेचा जा रहा है. इनमें यूजरनेम, पासवर्ड और यूजर द्वारा दर्ज की कई जानकारियां शामिल हैं.
इस बार Zoom यूजर्स की जानकारियां हैक करने के लिए क्रेडेंशियल स्टफिंग मेथड का यूज किया जा रहा है. इसके तहत पहले जितने भी जूम अकाउंट्स हैक हुए हैं उनके लॉग इन डीटेल्स को यूज करके पहले हैकर्स उनके अकाउंट का ऐक्सेस ले रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक जिन यूजर्स का ऐक्सेस मिल रहा है उन्हें कंपाइल करके नई लिस्ट तैयार की जा रही है और इसे डार्क वेब पर बेचा जा रहा है. साइबर सिक्योरिटी इंटेलिजेंस फर्म Cyble की एक रिपोर्ट के मुकाबिक कई जूम अकाउंट्स डीटेल्स को एक हैकर फोरम पर बेचने के लिए अपलोड किया गया है.
साइबर सिक्योरिटी फर्म Cyble ने दावा किया है कि इस कंपनी ने 5 लाख से ज्यादा Zoom के यूजर क्रेडेंशियल यानी लॉगइन डीटेल्स खरीदी हैं. हालांकि इस फर्म ने कहा है कि ये यूजर्स को अगाह करने के लिए किया गया है. इस फर्म ने कहा है कि ये डेटा 10 पैसे प्रति अकाउंट से कम में खरीदा गया है.
फिलहाल इस डेटा ब्रीच के बारे में Zoom ने अपने यूजर्स को जानकारी नहीं दी है. अगर आप Zoom अकाउंट यूज करते हैं तो अपने अकाउंट का पासवर्ड बदल लें और मजबूत पासवर्ड रख लें.
आपकी ईमेल आईडी का पासवर्ड डेटा ब्रीच में लीक हुआ है या नहीं ये चेक करने के लिए आप Have I Been Pwned वेबसाइट पर जा कर अपना ईमेल आईडी एंटर कर सकते हैं. इससे ये पता चलेगा कि किसी डेटा लीक में आपकी ईमेल आईडी हैक हुई है नहीं.
गौरतलब है कि गूगल ने अपने कर्मचारियों को Zoom वीडियो कॉलिंग यूज करने से मना कर दिया है और इसकी वजह भी यूजर की प्राइवेसी और हैकिंग ही है.