DRDO के साथ मिलकर किया है विकसित, 5 मीटर के दायरे में मचाती है तबाही, पहले चरण में एक लाख ग्रेनेड करने हैं तैयार

Posted By: Himmat Jaithwar
7/2/2021

जबलपुर। भारतीय थल सेना के लिए उपयोग और आमने-सामने के युद्ध में घातक हथियारों में शामिल मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया (OFK) में तैयार होगा। थल सेना ने 10 लाख हैंड ग्रेनेड का ऑर्डर ओएफके को दिया है। पहले चरण में एक लाख हैंड ग्रेनेड की सप्लाई देनी है। ओएफके ने इस खतरनाक मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड को DRDO के साथ मिलकर चंडीगढ़ के टर्मिनल बैलेस्टिक मिसाइल प्रयोगशाला में तैयार किया है। एक ग्रेनेड पांच मीटर के दायरे में तबाही मचाने की क्षमता रखती है।

आयुध निर्माणी खमरिया को इस ऑर्डर की लंबे समय से प्रतीक्षा थी। थल सेना के लिए मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड काफी उपयोगी हथियार है। पूर्व में विस्फोट की टाइमिंग में तकनीकी खामियां आ रही थी। अब इसे दूर कर लिया गया है। यह हैंड ग्रेनेड आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह से उपयोग में लाया जा सकता है। इस हैंड ग्रेनेड को तैयार करने में फैक्ट्री के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत की थी।
पहले लॉट में एक लाख हैंड ग्रेनेड तैयार करने का ऑर्डर
सेना ने लिमिटेड बल्क प्रोडक्शन क्लीयरेंस जारी किया है। फैक्ट्री को कुल 10 लाख ग्रेनेड बनाने हैं। पहले लॉट के रूप में एक लाख हैंड ग्रेनेड तैयार करने का ऑर्डर मिला है। इसका उत्पादन छह माह में शुरू हो जाएगा। अभी निर्माणी को रॉ मटेरियल जुटाना होगा। हैंड ग्रेनेड तैयार होने पर डीजीक्यूए की ओर से क्षमता और गुणवत्ता की जांच की जाएगी। ये सही रहा तो फिर नौ लाख ग्रेनेड का बल्क प्रोडक्शन क्लीयरेंस एक साथ मिल जाएगा।

फौज में हर राइफल मैन अपने साथ दो हैंड ग्रेनेड रखता है।
फौज में हर राइफल मैन अपने साथ दो हैंड ग्रेनेड रखता है।

ये है इस मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड की खासियत
मल्टी मोड हैंडग्रेनेड का इस्तेमाल बस शॉक करने के लिए और घातक हथियार दोनों तरह से किया जा सकता है।। हैंड ग्रेनेड में एक कवर होगा, जिसके साथ हैंडग्रेनेड जानलेवा बनेगा। बिना कवर के यह हैंडग्रेनेड नॉनलीथल होगा यानी घातक नहीं होगा। इसका इस्तेमाल उस परिस्थिति में किया जा सकता है। जब सैनिकों को किसी संदिग्ध जगह पर घुसना है और वहां मौजूद लोगों को बस एक गैरघातक ब्लास्ट से चौंकाना है। फौज में हर राइफलमैन अपने साथ दो हैंड ग्रेनेड रखता है। इसे राइफल ग्रेनेड और हैंड ग्रेनेड दोनों तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है।
DRDO ने किया है डिजाइन
मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लैबोरेटरीज (टीबीआरएल) द्वारा डिजाइन किया गया है। इस हैंड ग्रेनेड को आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह की लड़ाई में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह भारत सरकार के तत्वावधान में सार्वजनिक-निजी साझेदारी का प्रदर्शन करने वाली प्रमुख परियोजना है, जो अत्याधुनिक गोला बारूद प्रौद्योगिकियों में ‘आत्म निर्भरता’ को सक्षम बनाती है’। चीन से तनाव के बाद सरकार सेना के हाथ लगातार मजबूत करने में जुटी है।

-मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड का बल्क प्रोडक्शन क्लीयरेंस (बीपीसी) मिल गया है। पहले लॉट में एक लाख ग्रेनेड तैयार कर देना है। परीक्षण और मानकों पर खरा उतरने के बाद शेष नौ लाख और ग्रेनेड तैयार करना होगा।

रविकांत, ओएफके महाप्रबंधक



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