हमीदिया के डॉक्टर ने ऑपरेशन कर कटे हाथों को 4 घंटे में जोड़ा, 48 से 72 घंटे में पता चलेगा कि हाथ पूरी तरह से जुड़े या नहीं

Posted By: Himmat Jaithwar
7/1/2021

भोपाल।  भोपाल के हमीदिया अस्पताल के एक डॉक्टर ने परिजनों के खास अनुरोध पर निजी अस्पताल जाकर एक युवक के कटे दोनों हाथ को जोड़ दिया। दरअसल, झगड़े के दौरान एक युवक के दोनों हाथ कलाई के पास से कटने के बाद उसे इलाज के लिए करोंद के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। परिजनों ने हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर आनंद गौतम को बुलाकर ऑपरेशन कराने की इच्छा जाहिर की। डॉक्टर गौतम ने 4 घंटे तक ऑपरेशन कर हाथ जोड़ दिए। हालांकि, 48 से 72 घंटे में पता चलेगा कि हाथ पूरी तरह से जुड़े हैं या नहीं।

डॉक्टर गौतम रात करीब दो बजे अस्पताल पहुंचे थे और सुबह 6 बजे तक ऑपरेशन करके दोनों हाथ जोड़े। सलामतपुर निवासी पलविंदर के हाथों पर किसी धारदार हथियार से हमला किया गया था। एक हाथ का तो अंगूठा भी अलग हो गया था।

सामान्य तौर पर निजी अस्पताल में सर्जरी करने नहीं जाता

GMC के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में प्रोफेसर डॉक्टर आनंद गौतम ने कहा कि सामान्य तौर पर मैं निजी अस्पताल में सर्जरी करने नहीं जाता हूं। लेकिन, केस गंभीर था। हमीदिया अस्पताल में पहले किए गए इस तरह के ऑपरेशन की जानकारी परिजनों को थी, उसी आधार पर उन्होंने हमीदिया के डॉक्टरों को बुलाने की मांग की। अस्पताल ने मुझसे संपर्क किया था। इसलिए मैंने तुरंत जाकर ऑपरेशन किया।

अस्पताल प्रबंधन से कहा- हमीदिया के डॉक्टरों को बुलाएं, उन्होंने जोड़े हैं ऐसे हाथ

परिजन जब पलविंदर को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने हमीदिया के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों को बुलाने की बात कही। बातचीत के दौरान पता चला कि पिछले दिनों एक के बाद एक तीन मामले हमीदिया पहुंचे थे, जिनमें हाथ और पैर कटे थे। वहां डॉक्टरों ने इन मरीजों के ऑपरेशन किए थे। परिजनों ने इसकी खबरें अखबारों में पढ़ी और टीवी चैनलों पर देखी थीं। पलविंदर के ऑपरेशन में चार घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा। उनकी हालत ठीक है। हाथ बचेंगे या नहीं यह 48 से 72 घंटे बाद ही पता चल पाएगा। हालांकि, डॉक्टरों को उम्मीद है कि युवक के हाथ काम करने लगेंगे।

निजी अस्पतालों में जाकर कर सकते हैं सर्जरी
हमीदिया अस्पताल गांधी मेडिकल कॉलेज से संबंध अस्पताल है। यहां पदस्थ डॉक्टर अगर NPA (नॉन प्रेक्टिसिंग एलाउंस) नहीं लेते हैं तो ड्यूटी टाइम के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों का इलाज और ऑपरेशन कर सकते हैं। इसी आधार पर डॉक्टर गौतम ने रात में दो बजे पहुंचकर प्राइवेट अस्पताल में मरीज के हाथों के ऑपरेशन किए।



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