जख्मी हालत में मिली चिड़िया को संभाला, अब गांवभर में प्रसिद्ध है अन्नू-मुन्नू की दोस्ती

Posted By: Himmat Jaithwar
6/30/2021

कोरबा: इंसान और जानवरों की दोस्ती के किस्से तो आपने जरूर सुने होंगे. मगर हम आपको एक बच्ची और परिंदे की ऐसी दोस्ती की दास्तान बताने वाले हैं जिसे जानकर आप भी कहने को मजबूर हो जाएंगे कि क्या अनोखी दोस्ती है. ये दोस्ती है अन्नू और मन्नू की. मन्नू एक बेजुबान पक्षी है जिसकी 12 साल की अन्नू से गहरी दोस्ती है. अन्नू के प्यार और दुलार ने मन्नू को इंसानी भाषा सीखा दी है. 

इस अनोखी दोस्ती की शुरुवात छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के चोरभट्टी गांव में हुई. इस गांव में रहने वाली अन्नू महंत की दोस्ती मैना से हुई, अन्नू ने मैना मन्नू रख दिया. प्यारी मन्नू भी दिनभर अनु के साथ ही रहती है और खाती है. यहां तक की जब अन्नू कहीं जाती है तो मन्नू भी उसके साथ हो लेती है. चाहे वह दुकान जाए या मंदिर या फिर जंगल जाए, यह चिड़िया अन्नू के साथ ही रहती है.

 

















जख्मी हालत में मिली थी मन्नू
जानकारी के मुताबिक कुछ साल पहले नन्ही चिड़िया जख्मी हालत में अन्नू के घर के बाहर मिली थी, जिसे वह घर ले आई. समय बिता और अब यह चिड़िया परिवार की सदस्य बन गई. अन्नू के लाड-प्यार और अपनेपन ने इस बेजुबान पक्षी को इंसानी भाषा भी सिखा दी है. अन्नू की मानें तो यह चिड़िया छत्तीसगढ़ी में अम्मा, बाबा, भैया, जैसे अनगिनत बातें करती है. हैरानी की बात तो यह है की मोबाइल की आवाज सुनते ही मन्नू मैना हेलो भी बोलती है.

पिंजरे की बजाए आजादी में जीती है मन्नू
आमतौर पर इंसान पक्षियों को पिंजरे में कैद करके रखते हैं, लेकिन अन्नू को मन्नू पर इतना विश्वास है कि मन्नू ज्यादातर समय पिंजरे से बाहर स्वच्छन्द वातावरण में घूमती है. पिंजरे के बाहर आजादी मिलने के बावजूद भी वह उड़ने या भागने की कोशिश नहीं करती.

पूरे गांव में प्रसिद्ध है दोनों की दोस्ती
अन्नू और मन्नू की दोस्ती पूरे गांव में प्रसिद्ध है, सभी के जुबान पर इनकी दोस्ती के चर्चे हैं. सभी जानते हैं कि यह चिड़िया अन्नू की है, इसलिए जब वह बाहर घूमने भी जाती है तो गांव वाले उसे ना तो पकड़ते हैं और ना हीं मारने की कोशिश करते हैं.

मन्नू को खरीदने का भी आ चुका है प्रस्ताव

मन्नू मैना की खासियत को देखकर कई लोग उसे खरीदने की कोशिश भी कर चुके हैं. अन्नू की मानें तो खरीदने के लिए कई लोगों ने 4 से 5 हजार तक देने का भी प्रस्ताव रखा, लेकिन उन दोनों के बीच में इतनी गहरी दोस्ती है कि वह उसे बेचना नहीं चाहती.

सबक है दोस्ती की यह मिसाल
कहते हैं कि इंसान हर रिश्ते में अपना स्वार्थ सिद्ध करने की ताक में रहता है. दोस्ती भी उसी से करता है, जिससे उसका कोई फायदा होने वाला हो. लेकिन अन्नू-मन्नू की ये दोस्ती निस्वार्थ है. वह जब मन्नू को नहीं देखती तो बेचैन हो जाती है. 



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