यशोधरा बोलीं- खंभे पर चढ़ने से विभाग ठीक से नहीं चलता, प्रद्युम्न का जवाब- आप प्रेजेंटेशन तो कर लेने दो, हमेशा टोकती हो

Posted By: Himmat Jaithwar
6/30/2021

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने उनकी ही कैबिनेट के दो मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और प्रद्युम्न सिंह तोमर आपस में उलझ गए। दोनों में जमकर बहस हुई। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अपने विभाग का प्रेजेंटेशन देते समय खेल मंत्री यशोधरा राजे की तरफ देखने लगे तो यशोधरा नाराज हो गईं।

तल्ख लहजे में उन्होंने तोमर से कहा-‘मेरी तरफ देखकर क्यों अपने काम गिना रहे हो, क्या धमकी दे रहे हो।’ बताते हैं कि तोमर जब प्रेजेंटेशन देते समय यशोधरा की तरफ देख रहे थे तो उनकी आवाज तेज थी। दोनों के बीच बहस बढ़ी तो मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए तोमर से कहा कि शांत रहकर अपनी बात रखिए।

कैबिनेट के ठीक बाद ही बिजली महकमे का यह प्रेजेंटेशन था, जो दो घंटे चला। इसे तोमर और विभाग के प्रमुख संजय दुबे ने दिया। इस दौरान अन्य मंत्रियों ने भी अपनी बात रखी। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह ने कहा- बिजली का बिल ज्यादा आता है, इससे जनता में नाराजगी फैलती है। सरकार करोड़ों की सब्सिडी दे रही, फिर इतनी अव्यवस्था क्यों है। बता दें कि लगातार दूसरी बार है, जब यशोधरा राजे ने किसी विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। पिछले सप्ताह कैबिनेट बैठक में उन्होंने रेत ठेकेदारों को राहत देने का विरोध किया था।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अपने विभाग का प्रेजेंटेशन देते समय खेल मंत्री यशोधरा राजे की तरफ देखने लगे तो यशोधरा नाराज हो गईं।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अपने विभाग का प्रेजेंटेशन देते समय खेल मंत्री यशोधरा राजे की तरफ देखने लगे तो यशोधरा नाराज हो गईं।

‘डोंट कमेंट ऑन मी’ कहकर यशोधरा इतनी भड़कीं कि प्रद्युम्न सिंह की आंखों में आंसू आ गए, उन्हें हाथ जोड़ना पड़े..

  • प्रद्युम्न : किसानों को करोड़ों की सब्सिडी दे रहे हैं, इसके लिए राज्य सरकार राशि की व्यवस्था करे। इसमें कटौती कर सकते हैं। इसकी गुंजाइश है।
  • यशोधरा : ये सब तो ठीक है, लेकिन बिजली विभाग की इंटरनल वर्किंग (कार्यशैली), एफिसिएंसी (दक्षता) और समय पर काम करने, बिल देने और घाटा करने के बारे में कुछ नहीं है? सिर्फ खंभे पर चढ़ जाने क्या कुछ होने वाला है?
  • प्रद्युम्न : हमें अपना प्रेजेंटेशन तो पूरा कर लेने दीजिए, बीच में मत बोलिए। आप क्यों टोक रही हैं।
  • इसके बाद यशोधरा की तरफ देखकर प्रद्युम्न प्रेजेंटेशन देने लगे।)
  • यशोधरा : ये तो ठीक नहीं है। प्रेजेंटेशन में विभाग की वर्किंग के बारे में कुछ नहीं है?
  • प्रद्युम्न (तेज आवाज में) : आप बैलेंस शीट देख लीजिए। एक साल में क्या सुधार हुआ है, वह भी भेज देता हूं। लेकिन, अभी आप शांत रहें।
  • यशोधरा (गुस्से में) : मेरी तरफ देखकर तेज आवाज में क्यों बोल रहे हो। जब मुख्यमंत्री बैठे हैं तो उनकी तरफ देखकर प्रेजेंटेशन दो। क्या धमकी देना चाहते हो। मेरी तरफ न देखें।
  • मुख्यमंत्री (प्रद्युम्न की तरफ देखकर) : प्रद्युम्न शांत रहाे और अपनी बात रखो। अपने विभाग की उपलब्धियां भी बताओ।
  • प्रद्युम्न की आंख में आंसू आ गए और वे यशोधरा से हाथ जोड़कर माफी मांगने लगे।)

इस पर शुरू हुई बहस...किसानों को 21 हजार करोड़ की सब्सिडी पर मंत्रियों में बहस, सीएम ने लौटाया प्रस्ताव

ऊर्जा विभाग यह प्रस्ताव लेकर आया था कि किसानों को दी जा रही करीब 21 हजार करोड़ रुपए सब्सिडी को कम कर दिया जाए। उन्होंने अलग-अलग सोलरपंप, पांच हार्सपॉवर सप्लाई समेत कई चीजों में सब्सिडी मिलती है। इस प्रस्ताव पर कुछ मंत्री सहमत थे, तो कुछ असहमत। इस पर बहस शुरू हो गई। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री ने बिजली कंपनी के प्रस्ताव को यह कहकर लौटा दिया कि इसमें सुधारों और उपायों को भी शामिल करके बताएं कि बिजली का नुकसान कैसे कम होगा। विभाग अपनी कार्यशैली कैसे दुरुस्त करेगा। जरूरत हो तो कमेटी बना देते हैं, जो एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट दे देगी।

मंत्रियों की मांग...ज्यादा बिल और मीटरों की हर महीने जांच कराएं, इससे जनता में नाराजगी फैल रही

बिजली की चर्चा के दौरान राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बिल की रीडिंग हर महीने होनी चाहिए। औसत बिल भेजना बंद हो। मीटर की भी हर महीने जांच हो। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सब्सिडी जारी रखनी चाहिए। इस पर स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि किसानों को अलग-अलग कई तरह की सब्सिडी है, इसे कैसे बेहतर तरीके से कम किया जाए, इस पर विचार हो। किसानों का नुकसान भी नहीं होना चाहिए। सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि मप्र के किसानों को तमाम स्कीमों में अभी 93 प्रतिशत सब्सिडी है। सिर्फ उन्होंने 7 फीसदी ही पैसा देना पड़ता है।



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