अस्पतालों को डॉक्टर और स्टाफ को वापस लाने की चेतावनी जारी

Posted By: Himmat Jaithwar
4/13/2020

इंदौर। मरीजों की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद रविवार को कलेक्टर मनीष सिंह ने एक बार फिर अन्य मरीजों को इलाज आसानी से मिल सके लेकिन अस्पतालों से मरीजों को यह कहकर लौटाया जा रहा है कि काम करने के लिए स्टाफ नहीं है। बेड नहीं है। इसके बाद कलेक्टर ने स्पष्ट कर दिया कि ऐसे मौके पर भी यदि कोई नहीं आएगा तो उस पर एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी।

अस्पताल संचालकों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से स्टाफ काम पर नहीं आ रहा है। इस पर कलेक्टर का कहना है कि कोई भी चिकित्सकीय स्टाफ काम से इनकार नहीं कर सकता। यदि डॉक्टर और स्टाफ काम पर नहीं आ रहा है तो सभी के नाम, नंबर और पते हमें उपलब्ध करवाइए। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अस्पतालों की ओर से बैठक में आए प्रतिनिधियों ने भी कहा कि ग्रीन कैटेगरी अस्पतालों में कोई सुविधा नहीं है। डॉक्टरों व स्टाफ के पास कोई सुविधा नहीं है। यदि एक भी कोरोना संक्रमण का मरीज मिला तो सभी लोगों के संक्रमित होने का ग्रीन जोन के अस्पताल संचालकों की बैठक बुलवाई। इन श्रेणी में अस्पतालों को इसलिए रखा गया कि ताकि फ्लू पीड़ित मरीजों खतरा रहेगा।

डॉक्टरों और नर्सों ने यह मुद्दा भी उठाया कि यदि उन्हें कुछ हो जाए तो उनका इलाज कहां किया जाएगा। इस पर बताया गया कि इसके चोइथराम अस्पताल में व्यवस्था की गई है। शैल्बी अस्पताल में दो डॉक्टरों में संक्रमण मिलने के बाद से यह अस्पताल बंद था। इसे फिर से शुरू करने के निर्देश दिए गए। इस अस्पताल को भी यलो जोन अस्पताल की श्रेणी में रखा जाएगा।



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