शिवपुरी। शिवपुरी के पोहरी से विधायक और मंत्री सुरेश राठखेड़ा के साले ने एक आदिवासी युवक के सिर पर कुल्हाड़ी मार दी। बीच-बचाव करने आए उसके परिवार वालों को पीटकर भगा दिया। मामला सरकारी बोर (बोरिंग) पर पानी भरने को लेकर हुआ। मंत्री के साले ने उस पर कब्जा कर रखा है। आदिवासी युवक ने इसका विरोध किया था। थाने में पीड़ित ने कुल्हाड़ी से हमले की बात कही, लेकिन पुलिस ने FIR में लाठी मारने की बात लिखी। पुलिस ने मंत्री के साले और उसके बेटे पर SC-ST एक्ट और मारपीट का मामला दर्ज किया है। दो दिन बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
घटना रविवार रात शिवपुरी के पोहरी कस्बे के पावर हाउस के पास की है। पावर हाउस के पास एक सरकारी बोर लगा हुआ है। इस बोर में लेजम लगाकर मंत्री के भरत धाकड़ के परिजन अपने घर में पानी भर रहे थे। इस कारण क्षेत्रीय लोग वहां से पानी नहीं भर पा रहे थे। काफी देर हो जाने के बाद भी बोर से लेजम नहीं हटाई गई तो रामवीर पुत्र रमले ने भरत धाकड़ के परिजनों से कहा कि यह लेजम हटा लो ताकि क्षेत्र के अन्य लोग भी पानी भर सकें।
रामवीर के अनुसार, इसी बात पर भरत धाकड़ और उसका बेटा गोविंद धाकड़ आए और मारपीट करते हुए उसके सिर में कुल्हाड़ी मार दी, जिससे वह घायल हो गया। जब उसे बचाने के लिए उसके परिजन पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट की गई। जैतू खंगार और जगदीश ने रामवीर को बचाया।
पीड़ितों का आरोप- कोई कुछ कहता है तो जान से मारने की धमकी देते हैं
पीड़ितों का आरोप है कि भरत धाकड़ और उसके परिवार वालों ने सरकारी बोर पर कब्जा कर रखा है। इस कारण क्षेत्र के लोगों को वहां से पानी भरने में काफी परेशानी होती है। अगर कोई कुछ कहता है तो उसे जान से मारने की धमकी देते हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर उन्हें कुछ भी होता है तो इसके लिए यह परिवार ही जिम्मेदार होगा, क्योंकि यह लोग पूर्व में भी एक हत्या कर चुके हैं। पुलिस ने रविवार देर रात आरोपी पिता-पुत्र पर मारपीट और SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया।
पुलिस का है कहना
पोहरी टीआई तिमेश छारी ने बताया कि मंत्री के साले और उसके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल, वे फरार हैं, पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है। पुलिस को पीड़ित ने जो बताया था, वही बातें FIR में लिखी गई हैं। बाद में वह क्या कह रहा है, इससे पुलिस का क्या लेना। मेडिकल में स्पष्ट हो जाएगा कि कुल्हाड़ी से चोट लगी है या लाठी से।
इसलिए कुल्हाड़ी की जगह लाठी किया गया
कानून विशेषज्ञों के मुताबिक, लाठी से हमले धारा 323 लगती है। इसमें जुर्माना या एक साल की सजा होती है। या फिर दोनों। वहीं, कुल्हाड़ी को धारदार हथियार माना जाता है। इसमें धारा 324 लगाई जाती है। इस धारा में सजा तीन साल तक हो सकती है। इसलिए पुलिस ने इस मामले में लाठी से हमला लिखकर धारा 323 लगाई है।