इंदौर। कई सालों से अपने प्लॉट के कब्जे के लिए परेशान हो रहे 70 से ज्यादा पीड़ितों को सोमवार को श्री महालक्ष्मी नगर में जिला प्रशासन की ओर से कब्जा पत्र सौंप दिए गए। पिछले दिनों भूमाफियाओं के खिलाफ चलाए गए अभियान में देवी अहिल्या श्रमिक गृह निर्माण संस्था के मामले में भी कई पीड़ितों की शिकायतें थी। इसे लेकर अब जिला प्रशासन द्वारा पीड़ितों को कब्जे दिलवाए जा रहे हैं। विडम्बना यह कि संस्था द्वारा कॉलोनी में जिस पीड़िता की पहली रजिस्ट्री की गई थी। जिनके मामले में खुद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उन्हें प्लॉट दिलाने का आश्वासन दिया था, उन्हें प्लॉट ही नहीं दिया गया।
जिला प्रशासन द्वारा श्री महालक्ष्मी कॉलोनी के उन पीड़ितों को बुलवाया गया था, जिनके प्लॉट ‘बी’ सेक्टर में हैं। इनकी जांच कर ली गई थी, कब्जा पत्र सौंपे जाने थे। इस दौरान जब उन्हें कब्जा पत्र दिए गए तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पीड़ितों में भोपाल निवासी विजय जाधव (65) भी थे। उन्होंने भी कई बार चक्कर लगाए लेकिन संस्था ने उनके सहित कई पीड़ितों को कब्जा नहीं दिया। सोमवार को कब्जा पत्र मिलने के बाद उन्होंने प्रशासन को धन्यवाद दिया है।
सबसे पहली रजिस्ट्री होने के बाद भी वृद्धा वंचित
अनिता डफाल को प्लॉट दिलाने का आश्वासन सीएम ने दिया था।
इन्हीं में एक अन्य पीड़िता अनिता डफाल (76) भी है। संस्था द्वारा 1998 में उन्होंने प्लॉट के रुपए जमा कराए थे और सबसे पहले उन्हीं की रजिस्ट्री हुई थी। इसके बावजूद उन्हें कब्जा नहीं दिया गया।
कुछ माह पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के इंदौर आगमन पर उन्होंने व्यथा बताई थी, तो उन्होंने आश्वस्त किया था कि उन्हें प्लॉट कब्जा दिलाया जाएगा। इसके बावजूद उन्हें नहीं मिला। अभी बीमार होने के कारण वह नहीं आ पाई। अधिकारियों ने परिजन को बताया कि कुछ आपत्तियों के कारण अभी कब्जा नहीं दिया गया है, जबकि सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पात्र सूची में उनका नाम था। मामला एडीएम अभय बेड़ेकर के संज्ञान में आया है।