ग्वालियर। ग्वालियर में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर का खतरा सिर पर मंडरा रहा है। दूसरी लहर में कोरोना वायरस से ज्यादा ऑक्सीजन की कमी से लोगों ने दम तोड़ दिया था। ऑक्सीजन बेड के लिए सिर्फ JAH और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पर हम निर्भर थे। ऑक्सीजन बेड की किल्लत के चलते इसके लिए अफसरों और नेताओं की सिफारिस की जरूरत पड़ रही थी।
पर अब तीसरी लहर से पहले स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में काफी काम किया है। JAH के अलावा जिला अस्पताल मुरार, सिविल हॉस्पिटल हजीरा सहित अन्य हॉस्पिटल में 300 से ज्यादा ऑक्सीजन बेड बढ़ाए है। ग्वालियर पॉटरीज में 200 ऑक्सीजन बेड का ब्लॉक जुलाई के आखिरी सप्ताह तक शुरू होने का दावा है। तीसरी लहर आने तक करीब 1500 ऑक्सीजन बेड जिले में होने का दावा है। यदि ऐसा रहा तो हम आसानी से तीसरी लहर का सामना कर जाएंगे।
दूसरी लहर में इस तरह ऑक्सीजन बेड भरे थे, लोगों को आसानी से बेड नहीं मिल रहे थे
पहली लहर
सिर्फ JAH पर ही थे निर्भर
- पहली लहर मार्च 2020 में आई थी। उस समय ऑक्सीजन बेड और सेन्ट्रल ऑक्सीजन सिस्टम की बात करें तो पूरे जिले में सभी सिर्फ JAH पर निर्भर थे। मुरार जिला अस्पताल, हजीरा सिविल हॉस्पिटल में गंभीर मरीजों को भर्ती करने के कोई इंतजाम नहीं थे। इस कारण पूरा लोड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और JAH पर आ गया था। पहली लहर में सुपर स्पेशियलिटी के 150 ऑकसीजन बेड, JAH के 800 के लगभग बेड उपलब्ध थे।
दूसरी लहर
JAH के अलावा जिला अस्पताल में बढ़े बेड
- कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप मार्च 2021 से शुरू हुआ। इस बार पहली लहर से ज्यादा किल्लत ऑक्सीजन बेड की हुई। सामान्य मरीजों को तो हजीरा और मुरार जिला अस्पताल में भर्ती किया जा रहा था। जिला अस्पताल में करीब 25 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध थे, लेकिन यह न काफी थे। यहां ऑक्सीजन प्लांट नहीं था। इस कारण जब हालात बिगड़े तो फिर JAH और सुपर स्पेशियलिटी पर लोड बढ़ गया। वेंटीलेटर और ऑक्सीजन बेड पर मरीज को भर्ती कराने के लिए अफसर, नेताओं की सिफारिस की जरूरत पड़ रही थी। जिस कारण कई लोगों की ऑक्सीजन बेड न मिलने से हालत बिगड़ गई थी।
संभावित तीसरी लहर
अब कितने तैयार हम
- दूसरी लहर ने ग्वालियर सहित पूरे प्रदेश को झकझोर के रख दिया। ऑक्सीजन की कमी और बेड न मिलने से अपने लोगों को तड़पते और दम तोड़ते हुए देखा है। पर दूसरी लहर को स्वास्थ्य विभाग ने पॉजिटिव लिया है। युद्ध स्तर पर ऑक्सीजन बेड बढ़ाए हैं। साथ और बढ़ाए जा रहे हैं। आज की स्थिति में यह है ऑक्सीजन बेड उपलब्धता।
- JAH (जयारोग्य हॉस्पिटल) में 800 से ज्यादा ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं
- सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में 197 के लगभग ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं
- मुरार अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगने के बाद अब 100 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं
- हजीरा सिविल हॉस्पिटल में 25 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हो चुके हैं
सितंबर से पहले यह हो जाएंगे तैयार
तीसरी लहर आने से पहले अगस्त-सितंबर 2021 तक कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड बनकर तैयार हो जाएंगे। जैसे, हजीरा, ग्वालियर पॉटरीज और अन्य अस्पताल में बेड उपलब्ध हो सकेंगे।
- सिविल अस्पताल हजीरा सेन्ट्रल ऑक्सीजन सिस्टम से लैस हो गया है। यहां ऑक्सीजन प्लांट शुरू होते ही ऑक्सीजन बेड की क्षमता 25 से 100 हो जाएगी।
- ग्वालियर पॉटरीज के C-ब्लॉक में 200 ऑक्सीजन बेड 20 जुलाई तक शुरू हो जाएंगे।
- C-ब्लॉक में ऑक्सीजन प्लांट के लिए टेंडर हो चुके हैं, यहां प्लांट शुरू होने के बाद ऑक्सीजन बेड और बढ़ेंगे।
तेजी से बढ़ा रहे हैं ऑक्सीजन बेड
- संभावित तीसरी लहर से पहले ही ग्वालियर जिले में ऑक्सीजन बेड, ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। काफी ऑक्सीजन बेड बढ़ाए गए हैं और बढ़ाए जा रहे हैँ।
मनीष शर्मा, CMHO ग्वालियर