भोपालः साल 1984 में भोपाल गैस त्रासदी से पूरा देश हिल गया था. इस घटना में भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ और उससे लगभग 15 हजार लोगों की जान चली गई थी. अब खबर आई है कि सरकार वहां मेमोरियल बनाना चाहती है. यह मेमोरियल 65 एकड़ में फैले कारखाने के परिसर में बनेगा.
हिरोशिमा की तर्ज पर बनेगा मेमोरियल
सरकार खंडहर हो चुकी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में जापान के हिरोशिमा की तर्ज पर मेमोरियल बनाएगी. जिसके तहत यहां रिसर्च एंड डेवलेपमेंट यूनिट, ओपन थिएटर, कम्युनिटी हॉल बनाए जाएंगे. इस मेमोरियल को भोपाल मेमोरियल के नाम से जाना जाएगा. लोग इस जगह पर आने से बचते हैं लेकिन सरकार की कोशिश है कि मेमोरियल बनने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोग इस जगह आएं.
जहरीला कचरा साफ कराना चुनौती
मेमोरियल बनाने से पहले सरकार के सामने चुनौती है कि वह इस फैक्ट्री के जहरीले कचरे को साफ कराए. अब सरकार ने इसके लिए कमर कस ली है. बता दें कि यूनियन कार्बाइड के कारखाने और उसके बाहर आरओबी के पास तालाब में दफन जहरीले कचरे को नष्ट करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने इसी महीने टेंडर भी जारी किया है, जिसमें गुजरात की दो कंपनियों चेतन कुमार वीरचंद भाईसा मल्टी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और ऑयल फील्ड एनवायरो प्राइवेट लिमिटेड ने दिलचस्पी दिखाई है.
दोनों कंपनियों ने गैस राहत विभाग के मंत्री विश्वास सारंग के सामने टेक्नीकल प्रजेंटेशन भी दिया है. इसके बाद अगले एक हफ्ते में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और राज्य सरकार के अधिकारियों की कमेटी इन दोनों कंपनियों की तकनीकी क्षमता को परखेगी कि ये कंपनियां इस काम को करने में सक्षम हैं भी या नहीं.
इसके बाद टेंडर प्रक्रिया जारी होने के बाद जहरीले कचरे को साफ करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस काम पर सरकार 350 करोड़ रुपए खर्च करेगी. फैक्ट्री परिसर में करीब 137 मीट्रिक टन कचरा बैग में भरकर रखा हुआ है. वहीं 200 मीट्रिक टन कचरा परिसर के बाहर स्थित तालाब में दफन है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की निगरानी में यह कचरा तालाब में दफन करवाया गया था.