बैतूल: मध्य प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जारी बम्पर वैक्सिनेशन के बीच बैतूल प्रशासन ने लोगों को टीके के प्रति जागरुक करने के लिए अनोखा तरीका निकाला है. दरअसल प्रशासन बैतूल के ग्रामीण इलाकों में लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरुक करने के लिए भगत भुमकाओं का सहारा ले रहा है. भगत, भुमका अब लोगों को वैक्सीन लेने के लिए समझा रहे हैं.
देश में वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता के लिए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी मध्य प्रदेश के बैतूल जिला में आदिवासी बाहुल्य इलाके में ऐसे कई गांव है जहां एक व्यक्ति ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई थी. यहां आदिवासी वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों से लड़ने झगड़ने को तैयार हो जाते है. महिलाएं तो गाली गलौज पर उतारू हो जाती है. इन आदिवासियों में भ्रम फैल गया है कि वैक्सीन लगवाने से मौत हो जाती है.
अब इन गांव में वैक्सीनेशन के लिए आदिवासी समुदाय के जो धर्मगुरु है, जिन्हें भगत भुमका कहते हैं, उनकी मदद से लोगों को जागरुक किया जा रहा है. दरअसल आदिवासी इन लोगों पर काफी भरोसा करते हैं और जब भी उनके समुदाय में कोई बीमार होता है तो ये लोग इन्हीं भगतों को दिखाते हैं. प्रशासन ने इन भगत भुमका से कहा है कि जो भी लोग उनके पास आ रहे हैं उन्हें वैक्सीनेशन की सलाह दी जाए.
प्रशासन के प्रयास पर अमल भी शुरू हुआ है और आदिवासी इलाके के जो गांव है वहां के भगत भुमका उनके पास आने वाले लोगों को झाड़-फूंक के साथ साथ टीका लगवाने और मास्क लगाने की भी सलाह दे रहे हैं. इन भगत भुमका का कहना है कि उन्होंने भी वैक्सीन लगवा ली है और अब ग्रामीणों को भी सलाह दे रहे हैं.
चिचोली बीएमओ डॉ राजेश अतुलकर का कहना है कि आदिवासी समुदाय के धर्मगुरुओं से बात की है उनके द्वारा अपील की जा रही है. हमने गोंडी और कोरकू भाषा में वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड करवाएं हैं जिन्हें हम सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से चला रहे हैं .
भगत बलदेव का कहना है कि जो भी बीमार लोग आते हैं उनकी झाड़-फूंक करता हूं और सलाह देता हूं समय-समय पर डॉक्टरों को दिखाएं. जो महामारी है उससे बचाव रखना है अभी जो वैक्सीनेशन चल रहा है उसमें टीका लगवाएं. वह लोगों को यह भी बताते हैं कि वैक्सीन लगाने से आदमी नहीं मरता है. आदमी बीमारी से मारता है. बहुत से लोग ऐसे हैं जो मेरी सलाह मानते हैं और वैक्सीन लगवा रहे हैं.