जबलपुर। कोरोना कॉल में बेरोजगारों और नया बिजनेस शुरू करने वालों को सायबर फ्राॅड अपने जाल में फंसा रहे हैं। जबलपुर की एक महिला व्यवसायी सोशल मीडिया पर जियो मार्ट की फ्रेंचाइजी का विज्ञापन देखकर जालसाजों के झांसे में फंस गई। जालसाजों ने 6 नवंबर से 24 दिसंबर के बीच में महिला से 15 लाख रुपए से अधिक रुपए ऐंठ लिए। इसके बाद मोबाइल नंबर बंद कर लिए। महिला पति के साथ बताए गए उनके मुंबई ऑफिस पहुंची तो वहां कुछ नहीं मिला।
शहर की शुक्ला नगर इंदिरा गांधी वार्ड निवासी चेतना का खुद का व्यवसाय है। नवंबर 2020 में वह सोशल मीडिया पर कुछ नए बिजनेस के बारे में सर्च कर रही थी। 6 नवंबर को उन्होंने जियो मार्ट की फ्रेंचाइजी का विज्ञापन देखा। इस कंपनी का हेड ऑफिस मुंबई अंधेरी कुर्ला रोड मित्तल इंडस्ट्री इस्टेट अंधेरी ईस्ट मुम्बई महाराष्ट्र बताया गया था। विज्ञापन के साथ एक मोबाइल नंबर भी था।
9 नवंबर को महिला की पहली बार बात हुई
महिला ने नौ नवंबर 2020 को मोबाइल नंबर पर बात की। उधर से दीपेंद्र सक्सेना नाम बता कर बात की गई। दीपेंद्र ने फ्रेंचाइजी के बारे में सारी जानकारी दी और आवेदन मांगा। उसी दिन ही उसने खुशखबरी सुनाई कि उसका आवेदन कंपनी ने मंजूर कर लिया है। इसके बाद उसने महिला को इस तरह झांसे में फंसाया कि उसे ठगे जाने का जब तक अहसास हुआ, उसके हाथ से 15 लाख से अधिक की रकम निकल चुकी थी।
जालसाज के झांसे में फंसकर उसके बताए खाते में जमा करती गईं रकम।
जालसाज ने इस तरह ऐंठा रकम
- 10 नवंबर 2020 को फ्रेंचाइजी फीस के नाम पर 32 हजार 500 रुपए केनरा बैंक के खाते में जमा कराया।
- 10 नवंबर को आरोपी ने प्रोसेस फीस के तौर पर 32 हजार 500 रुपए जमा कराए।
- 11 व 12 नवंबर 2020 को एग्रीमेंट चार्ज के तौर पर दो बार में कुल 98 हजार 900 जमा कराए।
- 20 नवंबर को एनओसी चार्ज के नाम पर 1 लाख 98 हजार 900 रुपए आरटीजीएस के माध्यम से जमा कराए।
- 23 नवंबर 2020 को सुरक्षा राशि के नाम पर 2 लाख 50 हजार 300 रुपए जमा कराए।
- 27 नवंबर 2020 को नए साफ्टवेयर प्रोसेस के नाम पर 1 लाख 50 हजार 900 रुपए जमा कराए।
- 1 दिसंबर 2020 को प्रोसेस चार्ज के रूप में 2 लाख 20 हजार 500 रुपए जमा कराए। इस राशि को भविष्य में रिफंड करना बताया था।
- 9 दिसंबर 2020 को अकाउंट ओपनिंग प्रोसेस के तौर पर 1 लाख 95 हजार, 23 दिसंबर को 1 लाख रुपए और 24 दिसंबर को 95 हजार रुपए जमा कराए।
वर्किंग ऑर्डर चार्ज के नाम पर पैसे मांगे तो महिला को संदेह हुआ
जालसाज लगातार अलग-अलग चार्ज बता कर पैसे जमा कराता गया। उसने महिला को आश्वस्त किया था कि एक टीम साइट विजिट करेगी। पर कोई टीम नहीं आई। जालसाज ने वर्किंग ऑर्डर चार्ज के तौर पर 1 लाख 45 हजार रुपए जमा करने के लिए कहा, तो महिला ने विजिट के बाद देने की पेशकश की। आरोपी कुछ दिनों तक महिला के संपर्क में रहा। फिर अचानक 25 जनवरी को उसके तीनों मोबाइल नंबर बंद हो गए।
मुंबई में बताए गए पते पर नहीं मिला ऑफिस
15 लाख रुपए से अधिक गंवा चुकी पीड़ित महिला पति के साथ ही फरवरी में मुंबई गई। वहां बताए गए पते पर पहुंची तो वहां कोई आफिस नहीं मिला। इसके बाद उसने गढ़ा थाने, पुलिस सायबर सेल और एसपी से शिकायत की। वहां से राहत नहीं मिली तो 25 जून को स्टेट सायबर सेल में मामले की शिकायत की। स्टेट सायबर सेल ने मामले को जांच में लिया है।
सायब ठगों ने छह महीने में जबलपुर से 4 करोड़ से अधिक की ठगी की है।
छह महीन में 700 से अधिक शिकायतें पहुंची
स्टेट सायबर सेल के निरीक्षक विपिन ताम्रकार के मुताबिक 1 जनवरी से 25 जून तक कुल 703 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इसमें ठगी और सोशल मीडिया से जुड़े मामले हैं। अब तक चार करोड़ से अधिक की ठगी जबलपुर में हो चुकी है। इसमें कुछ स्टेट सायबर सेल तो कुछ पुलिस के पास पहुंची है। स्टेट सायबर सेल में हर महीने औसतन 100 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं। लॉकडाउन के दौरान जरूर कम शिकायतें पहुंची थी।
अधिकतर शिकायतों में बिजनेस फ्रेंचाइजी देने, सस्ते में मेडिकल उपकरण खरीदने, लॉटरी, लिंक भेजकर, मेट्रोमनियल फ्रॉड जैसे मामले हैं। वहीं सोशल मीडिया से जुड़े शिकायतों में फेक अकाउंट बनाकर ब्लैकमेल करना, फेक फोटो वीडियो मार्फिंग से जुड़ी शिकायतें हैं। सायबर फ्राॅड से बचने का आसान तरीका है कि कोई भी आर्थिक लेन-देन आमने-सामने और पूरी जांच पड़ताल के बाद ही करें।
सायबर सेल में इस तरह की शिकायतें होती हैं दर्ज
- दो लाख रुपए से अधिक की ऑनलाइन ठगी की शिकायतें।
- नए तरीके से दो लाख की कम की ठगी की भी जांच होगी।
- सिस्टम हैकिंग, वेबसाइट डीफेसमेंट, फेक वेबसाइट, मार्फिंग और कम्प्युटर में सेंध लगाने संबंधी।
- सरकारी या अर्द्ध सरकारी कार्यालयों से जुड़ी सायब की शिकायतें।
- क्रिप्टो करेंसी, ऑनलाइन अनैतिक व्यापार व सायबर आतंकवाद के मामले।
- एटीएम फ्रॉड की शिकायतें।
पुलिस थानों में इस तरह की शिकायतें
- दो लाख से कम के सभी आईटी एक्ट के मामले।
- मोबाइल, कम्प्यूटर व लैपटॉप गुमने की शिकायत।
- फोन, सोशल मीडिया पर धमकी देने व अश्लीलता फैलाने की शिकायत।
- फेक प्रोफाइल, फोओ वीडियो मार्फिंग
- मेट्रोमोनियल साइट्स से संबंधी
- एटीएम फ्रॉड से जुड़े मामले
सायबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत ये करें
स्टेट सायबर सेल के निरीक्षक विपिन ताम्रकार के मुताबिक सायबर फ्रॉड का शिकार होने पर तुंरत संबंधी थाने या दो लाख से अधिक का फ्रॉड हो तो स्टेट सायबर सेल में शिकायत करें। इसका फायदा ये है कि जालसाज के रकम निकालने से पहले उसे बैंक या संबंधी पेमेंट गेटवे एप के माध्यम से होल्ड कराया जा सकता है। इसके लिए बैंक डिटेल और पूरी जानकारी देना होगा।