मध्यप्रदेश में प्री-मानसून और मानसून की दस्तक के शुरुआती दिनों में अच्छी बारिश हुई। नतीजा पिछले 15 दिनों में मध्यप्रदेश के कुछ बांधों का जलस्तर बढ़ा है। कुछ बड़े तालाब और बांधों को अभी भी अच्छी बारिश का इंतजार बना हुआ है। मध्यप्रदेश में 10 जून को मानसून ने दस्तक दे दी थी। मानसून आने के दौरान मूसलाधार बारिश हुई। इसके बाद रुक-रुककर बारिश का सिलसिला जारी रहा।
बारिश के इस सीजन में प्री-मानसून और मानसून के बाद हुई बारिश से जहां भोपाल का बड़ा तालाब लबालब हो गया। जबलपुर में बरगी डैम का जलस्तर बढ़ा है। होशंगाबाद जिले के तवा डैम में भी पानी का स्तर बढ़ा है।भोपाल के कलियासोत, केरवा डैम और राजगढ़ जिले के वृहद सिंचाई योजना मोहनपुरा डैम को अच्छी बारिश का इंतजार है। इस डैम का इस समय जलस्तर 202 मीटर है।
भोपाल के बड़े तालाब का जलस्तर बढ़ा
भोपाल के बड़े तालाब में पानी छलकने लगा है। इस मानसून में पहली बार बड़े तालाब का वॉटर लेवल बढ़ा है। 15 जून को तालाब का जलस्तर 1660 फीट था, जो 25 जून की शाम तक 1660.30 फीट पर पहुंच गया है। वहीं, दूसरी ओर कोलार, कलियासोत व केरवा डैम को अभी तेज बारिश का इंतजार है। इनका वॉटर लेवल स्थिर बना हुआ है। यहां बता दें बड़ा तालाब का कैचमेंट एरिया 365 वर्ग किमी है। इसमें से 225 वर्ग किमी कोलांस नदी से भरता है, इसलिए जब भी सीहोर जिले में अच्छी बारिश होती है तो कोलांस नदी में पानी आता है, जो बड़ा तालाब में पहुंचता है।
भोपाल का बड़ा तालाब।
जबलपुर में बरगी डैम का जलस्तर 414 मीटर पर पहुंचा
इस बारिश के सीजन में जबलपुर में मानसून मेहरबान है। जून में औसत से 47% अधिक बारिश हो चुकी है। अच्छी बारिश का परिणाम है कि बरगी डैम का जलस्तर 414.95 मीटर पर पहुंच चुका है। इस डैम की 422 मीटर तक जल क्षमता है। इसके बाद गेट खोलने पड़ते हैं। इस समय बिजली बनाने के लिए डैम से पानी छोड़ा जा रहा है। जलस्तर बढ़ने पर गेट खोलकर डैम से पानी छोड़ा जाएगा।
होशंगाबाद में नर्मदा नदी और तवा डैम में बढ़ा पानी
होशंगाबाद जिले में मानसून की दस्तक के बाद बारिश का दौर जारी है। अच्छी बारिश के कारण पिछले साल की अपेक्षा अब तक जिले में 258 मिमी औसत बारिश हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष जून में 157 मिमी औसत बारिश हुई थी। वहीं, तवा डैम का जलस्तर बढ़ा है। 10 जून को तवा डैम का जलस्तर 1110 मीटर था, जो 26 जून सुबह तक 1122.50 मीटर पर पहुंच गया है। इसके अलावा होशंगाबाद में नर्मदा नदी का जलस्तर 284.73 मीटर से बढ़कर 285.59 मीटर हो गया है। इसी प्रकार रायसेन जिले में आने वाले बारना डैम का जलस्तर 344.63 मीटर पर आ गया है।
होशंगाबाद में तवा डैम का जलस्तर बढ़ा।
ग्वालियर की प्यास बुझाने वाला तिघरा डैम खुद ही प्यासा है। इसका जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है। यहां से हर दिन 10 MCFT पानी शहर की प्यास बुझाने के लिए छोड़ा जाता है। जितना पानी छोड़ा जाता है, उसका 30% वाष्पीकरण के कारण उड़ जाता है। कहने को तो ग्वालियर में 19 जून को मानसून आ गया था, लेकिन बारिश अभी तक नहीं हुई। यही कारण है, तिघरा का जलस्तर गिरकर 720.40 फीट पर आ गया है। शहर की प्यास बुझाने नहर में जिन गेट से पानी छोड़ा जाता है, वह 30 चूड़ियों तक खुल चुके हैं। तेज धूप और बारिश न होने का शिकार अकेला तिघरा डैम ही नहीं है, बल्कि अंचल के हरसी, अपर ककैटो, ककैटो व पेहसारी बांध का भी यही हाल है। यही कारण है, सभी डैम का जलस्तर गिरता जा रहा है।
ताप्ती नदी: नाै दिन में एक मीटर बढ़ गया था जलस्तर
10 जून से जिले में मानसून ने दस्तक दे दी थी। इसके बाद कभी हल्की तो कभी तेज बारिश होती रही। 10 से 19 जून तक ताप्ती नदी का जलस्तर एक मीटर बढ़कर 215.660 मीटर हो गया था। तब से खास फर्क नहीं पड़ा। गुरुवार को ताप्ती के जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी हुई। इसका जलस्तर 216.070 मीटर था, जबकि 26 जून की सुबह 8 बजे तक नदी जलस्तर 215.970 मीटर रहा। जिले में गुरुवार तक 3.04 इंच बारिश हो चुकी है।