मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दिन में डेढ़ लाख लोगों को टीका लगाकर शासन-प्रशासन ने उत्सव तो मना लिया, लेकिन इस दावे की अब पोल खुलनी शुरू हो गई है। शहर में एक 13 साल के बच्चे का भी वैक्सीनेशन हुआ है। चौंकिए मत! यह हकीकत है। बच्चे के पिता के मोबाइल पर बकायदा इसका मैसेज भी आया है।
सबसे चौंकाने वाला मामला तो यह है कि जिस व्यक्ति की मौत 3 साल पहले हो चुकी है, प्रशासन ने उसका भी वैक्सीनेशन कर दिया। वहीं एक महिला को बिना टीका लगवाए ही टीकाकरण का मैसेज मिल गया। इतना ही नहीं, महिला को मिले प्रमाण-पत्र में पेंशन के दस्तावेज का जिक्र है, जबकि उन्हें पेंशन मिलती ही नहीं। अब सवाल यह उठता है कि शासन-प्रशासन संक्रमण के दौर में नंबरों की ऐसी होड़ से क्या कोरोना की तीसरी लहर को आने से रोक लेगा।
1. टीला जमालपुरा: पिता ने सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो चौंक गए, 13 साल के बेटे की उम्र 56 साल लिखी
टीला जमालपुरा की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले वेदांत डांगरे दिव्यांग हैं। उनकी उम्र अभी 13 साल भी पूरी नहीं हुई है। पिता रजत डांगरे के मोबाइल फोन पर 21 जून को बेटे वेदांत को कोवैक्सीन लगने का मैसेज आ गया। जब सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो वे हैरान रह गए कि उनके बेटे की उम्र 18 साल भी नहीं है, लेकिन प्रमाणपत्र में आयु 56 साल दर्शाई गई है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि वेदांत वार्ड-13 में रहते हैं और प्रमाण-पत्र पर टीकाकरण का स्थान वार्ड-53 लिखा है। पिता ने मामले की शिकायत 181 पर की तो जवाब मिला कि वे संबंधित वैक्सीन सेंटर पर जाकर गलती सुधरवा सकते हैं। पिता रजत ने बताया कि बेटे के आधार नंबर और बैंक अकाउंट से उनका मोबाइल नंबर ही रजिस्टर्ड है।
2. नूरमहल: पति का 3 साल पहले हो चुका इंतकाल, फिर भी वैक्सीन लगने का मैसेज आया
पुराने शहर के नूरमहल क्षेत्र में रहने वाली मुबीन बानो (70) के मोबाइल पर पति मो. शरीफ के नाम वैक्सीनेशन का एसएमएस आया है। इसमें 23 जून की शाम 5:48 बजे मो. शरीफ को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जाना बताया है, जबकि उनका इंतकाल 3 साल पहले हो चुका है। तभी से उनका मोबाइल बानो के पास है। वैक्सीन लगने का एसएमएस आने पर पहले तो वे चौंक गईं, लेकिन फिर उन्हें लगा कि हो सकता है कि किसी ने शरारत की हो।
3. पीजीबीटी कॉलेज रोड: वैक्सीन लगवाने गईं ही नहीं और मैसेज आ गया, दस्तावेजों में पेंशन मिलना भी बताया
पीजीबीटी कॉलेज रोड निवासी नुजहत सलीम को मोबाइल पर 21 जून को वैक्सीन लगने का मैसेज मिला। इतना ही नहीं उन्हें पेंशन नहीं मिलती, लेकिन पहचान पत्र सत्यापन में पेंशन डाक्यूमेंट दिखाया गया है। उन्होंने बताया कि 21 जून को 10:57 बजे वैक्सीन लगने का मैसेज मिला। लिंक पर जाकर सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो उसमें पहचान पत्र सत्यापन में पेंशन दस्तावेज दर्ज हैं, जबकि उन्हें पेंशन नहीं मिलती। उनका कहना है कि यह गलती हो या फर्जीवाड़ा, लेकिन उनके मोबाइल पर ऐसा मैसेज आने के मामले की जांच होना चाहिए। उन्हें जब मैसेज मिला तो उन्होंने रिश्तेदारों को बताया तो वे भी आश्चर्य में पड़ गए। वैक्सीन लगने का स्थान वार्ड-27 है, जबकि वे पुराने शहर के वार्ड नंबर-13 में रहती हैं।