मध्यप्रदेश के जबलपुर में बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे रेलवे के सेफ्टी फीचर से बड़ा हादसा टल गया। सिहोरा रोड रेलवे स्टेशन से पहले समपार फाटक पर एक यात्री बस बीच पटरी पर खराब हो गई। एक ओर का बैरियर गिर चुका था और दूसरी ओर वाहनों का जाम लग गया था। बस में महिलाओं और बच्चों सहित करीब 35 यात्री थे।
ठीक इसी वक्त कटनी की ओर से ट्रेन आने का समय हो गया था। एक बैरियर न गिरने से ग्रीन सिग्नल नहीं मिल पाया। रेड सिग्नल होने से ट्रेन 500 मीटर पहले ही रुक गई। हालांकि ट्रेन को देख बस में सवार यात्रियों की सांसें फूल गई। सभी जान बचाकर भागे। इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
सिहोरा से जायसवाल बस सर्विस की गाड़ी क्रमांक एमपी 20 पीए 2269 सवारी लेकर खितौला रोड से निकल रही थी। खितौला समपार फाटक पर ट्रेन के आगमन के चलते माइक से गेट बंद होने का अनाउंसमेंट हो रहा था। बावजूद इसके ड्राइवर ने बस निकालने की कोशिश की। बस रेल पटरी के बीच में खराब हो गई। एक ओर का बैरियर गिर चुका था। जबकि दूसरी ओर का बैरियर गिरना शेष था।
कटनी की ओर से जबलपुर आ रही ट्रेन रेड सिग्नल देख रुक गई
ट्रेन कटनी से जबलपुर की ओर आ रही थी। यहां इंटरलॉक गेट है, जो सिहोरा से कनेक्ट है। गेट की सुरक्षा सेफ्टी इस तरह से डिजाइन किया गया है कि जब तक दोनों ओर के गेट बंद नहीं होते, ग्रीन सिग्नल मिलेगा ही नहीं। यही इस मामले में भी हुआ। एक ही गेट बंद होने से रेड सिग्नल जलता रहा और ड्राइवर काे ट्रेन रोकनी पड़ी।
जान बचाने के लिए बस छोड़कर भागे यात्री।
वाहनों की कतार लग गई
ट्रैक पर ट्रेन देख बस में सवार महिलाएं, बच्चे जान बचाने के लिए भागे। गेट के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई थी। ट्रेन रुकने के बाद बस को ट्रैक से हटाया गया। इसके बाद ट्रेन को ग्रीन सिग्नल देकर आगे रवाना किया गया। आरपीएफ जबलपुर व कटनी के प्रभारियों के मुताबिक उन्हें बस के फंसने की कोई सूचना नहीं मिली है।
बैरियर गिरने से लग गया था जाम।
वीडियो वायरल होने के बाद रेलवे प्रशासन ने रखी बात
दरअसल, मामले में गुरुवार 24 जून को वीडियो वायरल होने के बाद रेलवे प्रशासन ने मामले में अपना पक्ष रखा। पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ राहुल जयपुरिया ने बताया कि बस गेट नंबर 336 पर खराब हुई थी। दोनों साइड का बैरियर बंद न हाेने तक रेड सिग्नल रहता है। यही कारण रहा कि ट्रेन बहुत पहले ही रुक गई थी। बस को हटाने के बाद ग्रीन सिग्नल देकर ट्रेन को रवाना किया गया। गेट पूरी तरह से सेफ्टी फीचर से लैस है। इस कारण यहां किसी हादसे की आशंका ही नहीं थी।