हमीदिया अस्पताल के कई वार्ड बाय गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन दफ्तर में अटैच; स्ट्रेचर और व्हील चेयर धका रहे हैं मरीजों के अटैंडर

Posted By: Himmat Jaithwar
6/24/2021

भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर होने के बाद तीसरी लहर आने आशंका बताई जा रही है। सरकार अस्पतालों में व्यवस्था को बढ़ाने और बेहतर करने का दावा कर रही है। इसके उलट गांधी मेडिकल कॉलेज से संबंध हमीदिया अस्पताल में बड़ी गड़बडी सामने आई है। यहां मरीज के परिजन व्हीलचेयर और स्ट्रेचर खींच रहे हैं और वार्ड बॉय डीन कार्यालय और दूसरे अफसरों के यहां चाय-पानी सर्व कर रहे हैं। जिम्मेदारों का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है वह इसकी जांच कराएंगे।

गांधी मेडिकल कॉलेज से संबंध हमीदिया अस्पताल में करीब 70 स्थायी और निजी एजेंसी यूडीएस के 110 से ज्यादा वार्ड ब्वाय है। भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि अस्पताल के आधे से ज्यादा वार्ड ब्वाय मरीजों की देखभाल की जगह दूसरी जगह ड्यूटी कर रहे है। इसमें 10 से 15 वार्ड ब्वाय एडमिन ब्लॉक के डीन कार्यालय और दूसरी शाखा में काम रहे है। यहां पर इनसे प्यून का काम लिया जा रहा है। इसके अलावा 20 से 25 वार्ड ब्वाय अलग-अलग विभागों में कार्यालयीन कार्य कर रहे है। यह सब लंबे समय से चल रहा है।

खास बात तो यह है कि अस्पताल में निजी एजेंसी के 110 के करीब वार्ड ब्वाय भी कम ही दिखाई देते है। जबकि निजी एजेंसी को अस्पताल की तरफ से इनके वेतन के रूप में डेढ़ से दो करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जाता है। लेकिन यह भी अपनी ड्यूटी नहीं कर रहे है। दरअसल इनकी मॉनीटरिंग के लिए भी कोई व्यवस्था अस्पताल में नहीं है। यहीं कारण है कि अस्पताल आने वाले गरीब मरीज के परिजन खुद ही स्ट्रेचर और व्हील चेयर पर जांच कराने के लिए इधर उधर भटकते है।

कोई नहीं मिला, इसलिए हम ही लेकर आए

मंडीदीप निवासी 33 वर्षीय राजेन्द्र किडनी में समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टर ने उनको सोनोग्राफी कराने के लिए लिखा। उनके परिजन उमेश ने बताया कि वार्ड में कोई वार्ड ब्वाय नहीं मिला। ना ही किसी ने उसके संबंध में कोई जानकारी दी। हमें सोनोग्राफी कराने के लिए कहा तो हम कमला नेहरू की बिल्डिंग में लेकर आए। हमारे सामने कई लोग खुद ही अपने मरीजों को जांच के लिए लेकर जाते है। यहां कोई सुनने वाला भी नहीं है।

ना वार्ड ब्वाय है ना कोई सही जानकारी देने वाा

गंजबासौदा निवासी मोहन शर्मा को पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्प्ताल में भर्ती किया गया है। उनके परिजन आनंद शर्मा ने बताया कि वार्ड में ना तो वार्ड ब्वाय है और ना ही कोई मदद करने वाला। हम खुद अपने मरीज को व्हील चेयर पर लेकर आए। व्हील चेयर लेने के लिए भी कई बार बोलना पड़ा। यहां वार्ड ब्वाय नर्सिंग स्टाफ की भी नहीं सुनता है।

डीन बोले- प्यून काम कर रहे

गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.जितेन्द्र शुक्ला से इस संबंध में पूछा तो वह बोले कि ऐसा नहीं है। वार्ड ब्वाय से वार्ड में ही ड्यूटी कराई जाती है। एडमिन ब्लॉक में प्यून काम कर रहे है।

अधीक्षक बोले- हम दिखवा लेते हैं

हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लोकेन्द्र दवे ने कहा कि वार्ड ब्वाय की ड्यूटी वार्ड में होती है। उनकी मॉनीटरिंग लोकल नर्स,वार्ड के नोडल ऑफिसर और विभागाध्यक्ष करते है। इसके अलावा विभागाध्यक्ष भी करते है। यदि कोई वार्ड ब्वाय स्ट्रेचर खुद ना खींचकर मरीज से खींचवा रहा है तो गलत है। डीन कार्यालय में वार्ड ब्वाय नहीं होते। वहां प्यून होते है। हम इसको दिखवा लेते है।

हमारे वार्ड ब्वाय वार्ड में रहते है

यूडीएस कंपनी के जीएमसी में तैनात एग्जिकेटिव अंकित कुमार से वार्ड ब्वाय को लेकर सवाल किया तो बोले कि उनके वार्ड ब्वाय वार्ड में तैनात रहते है। एक वार्ड में एक वार्ड ब्वाय रहता है। किसी मरीज के साथ जाने के कारण हो सकता है कि किसी को दिक्कत हुई है।



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