लोकायुक्त ने सबलगढ़ थाने के टीआई नरेन्द्र शर्मा के साथ-साथ एसआई महावीर शर्मा को भी लपेटे में ले लिया है। आज, इन दोनों अधिकारियों को पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार ने पुलिस लाइन में अटैच करने के आदेश जारी कर दिए हैं। सबलगढ़ थाने के टीआई नरेन्द्र शर्मा को कल रात लोकायुक्त पुलिस ने 7 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। यह रिश्वत टीआई के नौकर महेन्द्र पाल ने ली थी। बताया जाता है कि इस मामले में सबलगढ़ थाने के एसआई महावीर शर्मा की भी अहम भूमिका रही है। इसलिए लोकायुक्त पुलिस ने उनको भी इस मामले में आरोपी बनाया है। इन दोनों ही अधिकारियों के रिश्वत कांड में आने के बाद महकमें में सनसनी फैली हुई है। हर अधिकारी का मुंह उतरा हुआ है। सभी को लग रहा है कि, कब किस पर लोकायुक्त की आफत टूट पड़े। फिलहाल पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार ने दोनों अधिकारियों टीआई नरेन्द्र शर्मा एवं एसआई महावीर शर्मा दोनों को निलंबित करते हुए पुलिस लाइन में अटैच करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
पुलीस अधीक्षक कायार्लय जिला मुरैना
खुलेआम चलता रिश्वत का खेल
सूत्रों की माने तो जिले के पुलिस महकमें में सरेआम रिश्वत ली जा रही है। चाहे शराब माफिया हों या फिर रेत माफिया। इस बात की जानकारी महकमें के आला अधिकारियों तक को है। इसके बावजूद अभी तक इस पर रोक नहीं लगाई जा सकी है। यही वजह है कि जिले में शराब व रेत का अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है।
यह था पूरा मामला
सबलगढ़ थाना प्रभारी नरेंद्र शर्मा को मोटरसाइकिल को छोड़ने के एवज में फरियादी ऋषिकेश गोस्वामी से 7 हज़ार रुपए की रिश्वत की मांग करने के आरोप में पकड़ा गया है। फरियादी ऋषिकेश का कहना है कि मेने कुछ दिन पहले नई मोटरसाइकिल खरीदी थी। उसे लेकर अपने घर की तरफ जा रहा था। एजेंसी वाले ने कागज नही दिए थे। टीआई ने कागज मांगे तो मैने मना कर दिया। उन्होंने 22 हजार रुपए मांगे थे। मैने 15 हजार दे दिए थे उसके बाद उन्होंने मुझसे 7 हज़ार रिश्वत और मांगी थी।