भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस के उप पुलिस अधीक्षक राकेश व्यास ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के भक्तों एवं पूर्व विधायक सुरेश राठखेड़ा को ऐसी धूल चटाई कि यह मामला कोरोना वायरस की खबरों से ज्यादा वायरल हो गया। किस्सा मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा का है। कांग्रेस से भाजपा में आए सुरेश राठखेड़ा खुद को ज्योतिरादित्य सिंधिया का भक्त बताते हैं। कहते थे "मैं हर रोज श्रीमंत महाराज साहब के चरणों में ध्यान लगाता हूं, और उसी की बदौलत है कि मैं आज इन ऊंचाइयों पर हूं।" एसडीओपी राकेश व्यास ने एक ही झटके में उन्हें जमीन पर ला दिया है।
मामला क्या है
लोक डाउन के दौरान पुलिस ने एक अवैध वाहन पकड़ा था। उसे छुड़ाने के लिए कई लोगों ने पुलिस पर दबाव बनाया। इन लोगों में पूर्व विधायक सुरेश राठखेड़ा, उनके भाई, उनका भतीजा और कई पत्रकार शामिल है। जब इन सब के कहने पर भी बात नहीं बनी तो पूर्व विधायक का बेटा पुलिस थाने जा पहुंचा। यहां उसने एसडीओपी राकेश व्यास के साथ अभद्रता की एवं धमकी भरे लहजे में बात की। एसडीओपी ने भी पूर्व विधायक के बेटे को उसी की भाषा में जवाब दे दिया।
सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक ने फोन पर धमकाया तो ऑडियो वायरल कर दिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक एवं पूर्व विधायक सुरेश राठखेड़ा ने एसडीओपी राकेश व्यास को फोन पर धमकाया। वह इस बात पर लेकर दबाव बना रहे थे कि एसडीओपी ने उनके बेटे को चांटा मारने की धमकी क्यों दी। एसडीओपी ने उन्हें समझाया कि लॉक डाउन या फिर धारा 144 के नियम तोड़ने की स्थिति में पुलिस बल प्रयोग कर सकती है। एसडीओपी ने सिंधिया समर्थक को समझाने की कोशिश की कि जो लोग नियमों का पालन नहीं करते उनको संरक्षण देना अच्छी बात नहीं है। सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक लगातार इस बात पर अरे रहे कि वह एक नेता है और इस तरह के लोगों को संरक्षण देना पड़ता है। अंततः एसडीओपी ने ऑडियो वायरल कर दिया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं
यहां बताना जरूरी है कि पूर्व विधायक सुरेश राठखेड़ा उन 22 विधायकों में से एक हैं जिन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में विधायक पद से इस्तीफा दिया है। इतना ही नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभी 22 नेताओं को आश्वासन दिया है कि उपचुनाव में उन्हें ही टिकट दिया जाएगा। चौंकाने वाली बात यह है कि ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट कहती है यदि उपचुनाव में सुरेश राठखेड़ा किसी भी पार्टी से प्रत्याशी बने तो उनके विरुद्ध जो भी प्रत्याशी खड़ा होगा, बिना परिश्रम के ही जीत जाएगा।