भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवराज सिंह चौहान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश का इकलौता राज्य है जहां न स्वास्थ्य मंत्री है और न गृहमंत्री। कमलनाथ ने कहा, “ अजीब हाल हैं, 20 मार्च को मेरी सरकार गिराई। 23 मार्च को शिवराज मुख्यमंत्री बने। फिर लॉकडाउन कर दिया। इसे समझिए, मेरी सरकार गिराने का इंतज़ार हो रहा था।”
कमलनाथ की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कांग्रेस के यूट्यूब चैनल पर हुई। एमपी के पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि देश में कोरोना की स्थिति गंभीर है। टेस्टिंग किट नहीं हैं, इसलिए जांच भी नहीं हो रही।
कोरोना का संकट है और राज्य में स्वास्थ्य मंत्री ही नहीं
कमलनाथ ने आगे कहा, “ लोग ई-मेल करके पूछ रहे हैं कि जो मजदूर शहरों से गांव लौटे हैं, उनकी न तो जांच हुई और न खाना मिल पा रहा है। मैं कहता हूं कि हमारे पास न तो टेस्टिंग किट हैं और न जांच हो पा रही हैं। देश इकोनॉमिक क्राइसिस से गुजर रहा है। इसे ठीक करने के लिए सरकार को योजना बनानी होगी। पैकेज देना होगा। गेहूं की फसल तैयार है। ये एक तरह से एक्सप्लोसिव जैसा है। क्योंकि पके हुए खेतों में एक तिनके से आग लग सकती है।”
टेस्टिंग बढ़ेगी तो सच सामने आएगा
पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक, कोरोना की पर्याप्त टेस्टिंग नहीं हो पा रही है। कहा, “कोरोना के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, स्थिति उससे खराब है। टेस्टिंग के बाद ही हकीकत का पता चलता है।लेकिन, हमारे पास टेस्टिंग सुविधा नहीं है। जितने टेस्ट होंगे, उतनी हकीकत सामने आएगी। जो आंकड़े आए हैं, वो शहरों के हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के नहीं। जो लोग बाहर से गांव लौटे हैं। क्या उनके टेस्ट किए गए हैं?”
सरकार पर तंज
कमलनाथ ने कहा, “सरकार ने टेस्टिंग को मजाक बना दिया है। कभी कहती है किट मानेसर में बन रही है। कभी कहती है किसी और जगह से आने वाली है। 90 प्रतिशत टेस्टिंग सुविधा चीन से आती है। लेकिन, वहां जिन देशों ने पहले आर्डर दिए होंगे, पहले उनको ही मिलेगी। राज्य में 10 लाख लोगों में से 25 या 30 का ही टेस्ट हो पाता है।”
सिंधिया के नियंत्रण में नहीं था मामला
कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में पूछे गए एक सवाल का भी कमलनाथ ने जवाब दिया। कहा, “29 फरवरी को सिंधिया से दिल्ली में मुलाकात हुई थी। प्रदेश में होने वाले उपचुनाव पर बातचीत हुई। मुझे लगता है बाद में ज्योतिरादित्य के हाथ से चीजें निकल गईं। भाजपा ने विधायकों से सौदा कर लिया। ज्योतिरादित्य को पता भी नहीं चला। बाकी चीजें बाद में खुलकर सामने आएंगी कि आखिर क्या हुआ था। कोई भी बात छिपी नहीं रहती है, अंत में सामने आ ही जाती है।”
20 मार्च को गिरी थी कमलनाथ सरकार
22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 20 मार्च को मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई थी। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन की घोषणा हो गई थी। कांंग्रेस के विधायकों को बंगलुरू ले जाया गया था।