इंदौर, भोपाल में और सख्ती होगी, अन्य संक्रमित जिलों में हॉटस्पॉट सील होंगे, शहर और कस्बे में अलग-अलग समय में छूट दी जा सकती

Posted By: Himmat Jaithwar
4/12/2020

भोपाल. लॉकडाउन का आज 19वां दिन है। अब तक 529 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। मौत का आंकड़ा भी 40 तक पहुंच गया है। घरों में कैद लोग परेशान देखे जा रहे हैं। खुद को सुरक्षित रखने के लिए कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है। उधर, 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ना तय माना जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री आज शाम तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि इस बार वे कुछ मामलों में छूट दे सकते हैं। प्रदेश में 22 जिलों में संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। 

बताया जा रहा है कि शनिवार को प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों की बैठक में ये निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन की समय-सीमा बढ़ाए जाने की घोषणा से पहले ऐसी व्यवस्था कर दें कि लोगों को सभी जरूरत का सामान मिल सके और उनको परेशान न होना पड़े। इसलिए प्रदेश सरकार दूर-दराज के इलाकों में जरूरत का सामान आज शाम तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। परिवहन विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि जिले की सीमाओं पर सामान लेकर जा रहे ट्रकों को न रोका जाए। ये भी बताया जा रहा है कि इस बार लॉकडाउन में कुछ ढील दा सकती है। शहरों के अलग-अलग क्षेत्रों में समय निर्धारित कर ये छूट दी जाएगी। इससे ये फायदा होगा कि बाजारों में लगने वाली अनावश्यक भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। इस बार जो लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा उसमें इंदौर, भोपाल समेत ज्यादा संक्रमण वाले जिलों की सीमाएं पहले की तरह सील रहेंगी। जिन जिलों में मरीजों की संख्या कम है वहां सिर्फ तीन किलोमीटर में घोषित किए गए निषेध क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा। लोगों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए लोगों को घर तक सामान और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी।

ये नजारा पुराने शहर के एक सब्जी विक्रय केंद्र का है। यहां लोग बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए सब्जी खरीद रहे हैं। परेशानी ये भी है कि जब यहां लोगों को कोई समझाता है तो लड़ने पर आमदा हो जाते हैं।

लॉकडाउन के पूरे प्रदेश से तरह-तरह के मामले सामने आ रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को हो रही है। जिनकी डिलीवरी का समय हो गया है उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है। परिजन परेशान हैं। सरकार ने दवाइयों की दुकान खुले रखने की इजाजत दी है। लेकिन लॉकडाउन के कारण लोगों को घर से नहीं निकलने दिया जा रहा है। इसलिए वे दवा तक नहीं खरीद पा रहे हैं। ये भी एक मुश्किल ही है कि लोगों को जहां मौका मिलता है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने लगते हैं। 

ग्वालियर: 4 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाई नर्स समेत चारों मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव

चार दिन पहले 7 अप्रैल काे शहर के जिन चार लाेगाें ट्राॅमा सेंटर की नर्स लता प्रभारी (33), ढोली बुआ का पुल निवासी बबीता (50), चंद्रबदनी नाका स्थित सिंधिया नगर निवासी अजय जाटव (18) और 40 गिर हाउस सत्यदेव नगर निवासी जोहरा खान (20) काे काेराेना का संक्रमण पाया गया था, उनकी दूसरी रिपाेर्ट शनिवार काे निगेटिव आ गई है। इन सभी का 6 अप्रैल काे सैंपल लिया गया था और जीआरएमसी की वायराेलाॅजिकल लैब में जांच की गई थी। रिपोर्ट में कोरोना का संक्रमण मिलने के बाद सभी को जेएएच के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, लेकिन 9 अप्रैल काे फिर से इनके सैंपल लिए गए थे। इनकी जांच डीआरडीई की लैब में हुई तो सभी में कोरोना का संक्रमण नहीं पाया गया। इनके अलावा डीआरडीई और वायरोलॉजिकल लैब दोनों जगह से 79 अन्य संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट भी निगेटिव पाई गई है। जबकि 34 सैंपल रिजेक्ट किए गए। उधर, हजीरा स्थित चार शहर का नाका पर आधी रात को प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को पुलिस ने अपनी गाड़ी से अस्पताल भिजवाया। एंबुलेंस को आने में देर लग रही थी, इसलिए पुलिस खुद ही प्रसूता को लेकर अस्पताल पहुंच गई।   

ग्वालियर में बीती रात एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। पति ने एंबुलेंस को फोन किया वो नहीं आई। इसके बाद पति ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस की गाड़ी महिला के घर पहुंची और उसे अस्पताल पहुंचाया।

ग्वालियर में भर्ती कोरोना संदिग्ध एंबुलेंस से समधी के साथ भागा

ग्वालियर से कोरोना संदिग्ध एक मरीज अपने समधी की मदद से एंबुलेंस बैठकर चुपचाप भागकर भिंड आ गया। यह सूचना जैसे ही ग्वालियर से भिंड जिला प्रशासन को मिली तो सभी रास्तों पर नाकाबंदी की गई। तभी एक एंबुलेंस को पुलिस ने पकड़ा, जिसके चालक ने बताया कि वह ग्वालियर से एक मरीज को रौन के देवजू का पुरा में छोड़कर आई है। पुलिस ने मरीज को घर से पकड़ लिया। ग्वालियर पुलिस उक्त मरीज और उसका भागने में सहयोग करने वाले रिश्तेदारों को लेकर गई। जो युवक भागा था, उसका पैर टूटा था और प्लास्टर चढ़ा था। 

ग्वालियर से कोरोना संदिग्ध एक मरीज अपने समधी की मदद से एंबुलेंस बैठकर चुपचाप भागकर भिंड आ गया। पुलिस ने उसे घर से आराम करते हुए पकड़ा और फिर अस्पताल पहुंचाया।

भिंड: ओपीडी बंद होने से गर्भवती महिलाओं का नहीं हो पा रहा रुटीन चेकअप
कोरोना संक्रमण को लेकर जिले में चल रहे लॉकडाउन के तमाम साइड इफेक्ट सामने आ रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के चलते सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद कर दिए जाने के बाद डॉक्टर्स ने मरीजों से दूरी बनाना शुरू कर दिया है, जिससे सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं और पेट संबंधी विकार से जूझ रही महिला मरीजों की बढ़ गई है। जिला अस्पताल के साथ महिला डॉक्टर्स के निजी क्लीनिक भी बंद होने के चलते वे घर पर भी दर्द सह रहे हैं। स्थिति यह है कि जिला अस्पताल के प्रसूति विभाग में भी इन दिनों सन्नाटा पसरा है। जबकि जिला अस्पताल के प्रसूति विभाग में सात महिला चिकित्सक हैं। जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा पिछले एक महीने से बंद है।  

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिला और प्रसूताओं को हो रही है। डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आ रहे हैं।

सीहोर: फैक्टरी बंद हुई तो इंदौर से अपने घर सागर जाने रेल पटरी के किनारे पैदल ही चल दिए

सीहोर में पुलिस ने रेल की पटरी पर चल रहे छह लोगों को पकड़ा है। लॉकडाउन के चलते धार में ग्रीन नेट बनाने वाली फैक्टरी बंद हुई तो यहां पर काम करने वाले गंजबसौदा, विदिशा और सागर के लोग किसी तरह इंदौर तक पहुंच गए। इनके साथ महिलाएं भी थीं। चार दिन पहले यह लोग इंदौर से निकलकर 178 किमी का सफर तय कर सीहोर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो यहां पर इन्हें जीआरपी ने पकड़ लिया। इसके बाद जब इनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह रेलवे पटरी पर चलते हुए इंदौर से यहां तक पहुंचे हैं। इन्हें रैन बसेरा भेज दिया गया। युवकों ने बताया कि वे इंदौर से सीहोर मक्सी होते हुए पहुंचे हैं।

रतलाम: कोरोना पॉजिटिव अस्पताल से घर भाग गया था

रतलाम के मोचीपुरा के एक फुटवियर व्यापारी की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई। अब सभी का सख्ती से घरों में रहना ही बेहतर है। ऐसा इसलिए क्योंकि फुटवियर व्यापारी लॉकडाउन में घर से दान दिया करता था। मामले में प्रबंधन की चूक भी सामने आई है। क्योंकि व्यापारी अस्पताल से 6 अप्रैल को भाग गया था। शनिवार को ही 5-5 लोगों की 8 टीमें बनाकर क्षेत्र में सर्वे करवाया गया। फिलहाल, मरीज को मेडिकल कॉलेज में आइसोलेट किया गया। कोरोना पॉजिटिव परिवार के संपर्क में रहे 64 लोगों को देर रात तक क्वारैंटाइन कर दिया गया। परिवार के 14 लोगों को मेडिकल कॉलेज में रखा गया है। 

रतलाम में अस्पताल से भागे जूता व्यापारी को फिर से अस्पताल पहुंचाया गया है।

मप्र में अब तक 529 संक्रमित

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 529 हुई। शनिवार को संक्रमण के 78 नए मामले आए। सबसे ज्यादा इंदौर में 46 नए संक्रमित सामने आए। भोपाल में आज 15 नए संक्रमित मिले। इसके अलावा विदिशा में 9, होशंगाबाद  में 4, रतलाम, श्योपुर, मंदसौर और खंडवा में 1-1 नया संक्रमित मिला है। इसके साथ ही इंदौर में कुल संक्रमितों की संख्या 281 हो गई है। भोपाल में कुल 131 संक्रमण के मामले आ चुके हैं। उज्जैन में 15, बड़वानी और खरगोन में 14, विदिशा और मुरैना में 13, होशंगाबाद 10, जबलपुर में 9, ग्वालियर और खंडवा में 6, देवास 3, शिवपुरी, श्योपुर और छिंदवाड़ा में 2-2, शाजापुर, सागर, धार, बैतूल, रायसेन, रतलाम में एक-एक संक्रमित मिला। अब तक कुल 40 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें इंदौर में 30, उज्जैन में 5, खरगोन 2, भोपाल, छिंदवाड़ा, देवास में एक-एक की मौत हो गई। कुल 38 संक्रमित स्वस्थ हुए हैं। इसमें इंदौर के 29, जबलपुर के 4, भोपाल के 2, ग्वालियर के 2, शिवपुरी का एक मरीज है।



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