रतलाम। वर्तमान समय में सभी शासकीय अमले को नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता से जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। सभी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता निश्चित होनी चाहिए। किसी प्रकार की कमी हो तो तुरन्त सूचित किया जाना चाहिए। कोरोना संक्रमण से प्रभावित आसपास के क्षेत्रों में पॉजिटिव निकलने के बाद क्षेत्र में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर गंभीरता बरतने की अत्यंत आवश्यकता है। जिले एवं विधानसभा क्षेत्र की सीमा में आवाजाही पर गंभीरता से निगाह रखी जाना आवश्यक है।
ये निर्देश विधायक डॉ. राजेन्द्र पांडेय ने पिपलौदा विकासखंड के ग्राम बरगढ़, हसनपालिया, उपरवाडा व ग्राम बोरखेड़ा में स्वास्थ्य केंद्रों व खाद्यान्न वितरण कार्यो का निरीक्षण करते हुए दिए। डॉ. पांडेय ने स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुँच कर गर्भवती माताओं और नवजात शिशुओं के लिए आवश्यक दवाई, टीकाकरण व चिकित्सा सुविधा का जायजा लिया। कुछ स्थानों पर दवाईयों की कमी है। एंटीबायोटिक, एंटीएलर्जिक सहित विभिन्न जीवनरक्षक दवाईयों की उपलब्धता समीप के एएनएम सेंटर व उप स्वास्थ्य केंद्र से समय पर किये जाने हेतु मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी से चर्चा की। इसके अलावा ग्राम में कोई भी बाहर से आने वाले परिवारों को पंजीबद्ध कर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना चाहिए।
विधायक डॉ. राजेन्द्र पांडेय ने कोरोना संक्रमण में लाकडाउन की स्थिति के दौरान जिले व विधानसभा क्षेत्र की सीमा में आने जाने वालों पर गंभीरता से सतर्कता बरती जाने की बात कही। इस संबंध में आपने पुलिस अधीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी जावरा से चर्चा की। विधायक डॉ. पांडेय ने उक्त ग्रामो में खाद्यान्न वितरण व्यवस्था के बारे में भी ग्राम निगरानी समिति के पदाधिकारियों से चर्चा की। आपने बताया कि 22 श्रेणी के अंतर्गत आने वाले लोगो को खाद्यान्न वितरण किया जाना है। इस हेतु राशन दुकानों से यह वितरण होना है।भ्रमण के दौरान कुछ स्थानों पर स्ट्रीट लाईट बन्द होने की शिकायत आने पर विद्युत मण्डल के अधिकारी से चर्चा की गई। कुछ स्थानों पर पेयजल की कठिनाई की बात आने पर विधायक डॉ. पांडेय द्वारा ग्राम पंचायतों से कहा कि वे पेयजल टेंकरो का उपयोग कर पेयजल की सुनिश्चितता करे। ग्रीष्म ऋतु का समय होने से पेयजल की उपलब्धता को प्राथमिकता से किया जाए।
डॉ. पांडेय ने किडनी, केंसर, हृदय सहित विभिन्न गंभीर रोग के मरीजों को नियमित रूप से जांच, डायलिसिस व अन्य परामर्श के लिए आना-जाना आवश्यक हो तो जिलाधीश व अनुविभागीय अधिकारी से अनुमति के लिए पूर्व में आवेदन के लिए भी ग्रामीणों को जानकारी दी।