रतलाम। मानसून की पहली ही बारिश में रतलाम शहर की सड़कें पानी में डूब गईं। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड, मेल-फीमेल वार्ड और मानसिक रोगी वार्ड में अस्पताल की सीवरेज का पानी भर गया। अस्पताल के मानसिक रोगी वार्ड में मरीज सीवरेज के पानी में भीगते नजर आए। मरीज अपने बेड पर बैठकर पानी निकलने का इंतजार करते रहे।
रतलाम में शुक्रवार रात 1 घंटे की मूसलाधार बारिश ने शहर की व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी। शहर के न्यू रोड ,दोबत्ती चौराहा और चौमुखी पुल क्षेत्र में जलभराव की स्थिति बन गई और सड़कों पर नालों की तरह पानी बह निकला।
रतलाम में हर वर्ष तेज बारिश के दौरान शहर के निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति निर्मित होती है। लेकिन हर बार व्यवस्थाओं को सुधार लेने का दावा करने वाले नगर निगम की पोल आज एक बार फिर खुल गई है। जहां शहर के न्यू रोड, दो बत्ती और चौमुखी पुल क्षेत्र में सड़क पर घुटनों तक पानी भर गया ।
जिला अस्पताल में नरकीय हालत
वृद्ध महिला सीवरेज के बहते पानी के बीच ही गीले गद्दे पर लेटी हुई नजर आई।
जब जिला अस्पताल में मूसलाधार बारिश के दौरान वार्डों की हालत का रियलिटी चेक किया तो जिला अस्पताल की हालत बदतर नजर आई। जिला अस्पताल के मेल-फीमेल वार्ड और मानसिक रोगियों के वार्ड में सीवरेज का पानी बह निकला। मानसिक रोगियों के वार्ड में भर्ती 4 मरीज बारिश के पानी में भीगते नजर आए।
वहीं, एक वृद्ध महिला सीवरेज के बहते पानी के बीच ही गीले गद्दे पर लेटी हुई नजर आई, जिसे वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ की मदद से बेड पर शिफ्ट किया गया। जिला अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा कक्ष के बाहर जलभराव की स्थिति नजर आई। अस्पताल के गलियारों में भी किसी नाले की तरह पानी बहता हुआ नजर आया।
यही नहीं इस दौरान हादसे में मौत के बाद एक व्यक्ति का शव स्ट्रेचर पर 1 घंटे तक पड़ा रहा। लेकिन अस्पताल के वार्ड बॉय मौके से नदारद नजर आए। बहरहाल मानसून की शुरुआती बारिश में ही रतलाम के जिला अस्पताल के साथ शहर की सड़कें जलमग्न हो गई। जिसकी वजह से रतलाम शहर और जिला अस्पताल में हालात बद से बदतर हो गए।