कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम विधानसभा सीट के चुनाव परिणाम से जुड़ी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की याचिका की सुनवाई टाल दी है। अगली सुनवाई 24 जून को होगी। इससे पहले ममता ने बुधवार को कोर्ट में नंदीग्राम की पूरी चुनाव प्रक्रिया को चुनौती दी थी। बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने वाली ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें मिली थीं। हालांकि, वे खुद नंदीग्राम से चुनाव हार गई थीं।
2 मई को आए थे परिणाम, शुभेंदु को मिली थी जीत
बंगाल में 8 चरणों में हुए चुनाव के बाद 2 मई को रिजल्ट आए थे। इसमें सबकी निगाहें राज्य की हॉट सीट नंदीग्राम पर थी। यहां भाजपा प्रत्याशी और कभी ममता के खास रहे शुभेंदु अधिकारी ने रोमांचक मुकाबले में उन्हें 1956 वोटों से हरा दिया था। यह इस बार के चुनाव का सबसे बड़ा उलटफेर है।
46 दिन बाद कोर्ट में चुनौती
ममता बनर्जी को हाईकोर्ट पहुंचने में 46 दिन लग गए। दरअसल, 2 मई को नंदीग्राम में परिणाम की घोषणा के बाद ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर धांधली के गंभीर आरोप लगाए थे। तब उन्होंने यहां फिर से काउंटिंग की भी मांग की थी, लेकिन चुनाव आयोग ने उनकी मांग ठुकराते हुए भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी को विजयी घोषित कर दिया था। तब ममता ने फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही थी, आखिरकार उन्होंने गुरुवार यानी 17 जून को कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
ममता की पारंपरिक सीट भवानीपुर खाली
- नंदीग्राम में हार के बाद ममता ने 7 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह था कि वह चुनाव कहां से लड़ेंगी। आखिरकार, उनकी पारंपरिक सीट भवानीपुर से जीते TMC के विधायक शोभन देव चटर्जी ने इस्तीफा दे दिया।
- यह तय है कि ममता यहीं से चुनाव लड़ेंगी। बंगाल में 2011 के विधानसभा चुनाव में भवानीपुर से तृणमूल के सुब्रत चुनाव जीते थे। उनके इस्तीफे के बाद ममता ने यहां उप-चुनाव लड़ा था और जीती थीं। 2016 में भी वे इसी सीट से लड़ीं और जीतीं थीं।