भोपाल। मध्यप्रदेश में 14 जून को कोरोना टीकाकरण अभियान के 150 दिन पूरे हो गए हैं। अभी तक प्रदेश की वैक्सीनेशन लायक आबादी 5.71 करोड़ में से सिर्फ 25% यानी 1.43 करोड़ लोगों को ही टीका लगा है। ये वो लोग हैं, जिन्हें पहला या फिर दोनों डोज लग चुके हैं। जबकि सिर्फ 3 प्रतिशत आबादी को ही वैक्सीन के दोनों डोज लगे हैं। राज्य में बुजुर्ग और 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों में वैक्सीनेशन युवाओं की अपेक्षा ज्यादा हुआ है, लेकिन बुजुर्ग और 45+ को भी अभी पूरी तरह वैक्सीन नहीं लगी है।
अनुमान है कि पूरा लक्ष्य हासिल करने में एक साल तक का वक्त लग सकता है, क्योंकि पहले डोज की तुलना में दूसरा डोज लगवाने वालों की संख्या काफी कम है। नेशनल हेल्थ मिशन के 14 जून तक के आंकड़े बताते हैं कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के 12 लाख 83 हजार लोगों ने ही दोनों डोज लगवाए हैं, जबकि पहला डोज लगवाने वालों की संख्या 69 लाख 56 हजार है। यही स्थिति युवाओं की भी है। 18 से 44 वर्ष के 92 हजार युवाओं ने दोनों डोज लगवा लिए हैं। पहला डोज 44 लाख 84 हजार 228 युवाओं को लगा है।
- 60+ के 71.62 में से 31.16 लाख को वैक्सीन लग चुकी है
- 45+ के 1.18 करोड़ में से 12.83 लाख ने दोनों डोज लगवाए
- 18+ के 3.59 करोड़ में से 92 हजार ने दोनों डोज लगवा लिए
ऐसे होगा वैक्सीनेशन?
झाबुआ | जिले में बुधवार से ड्राइव इन वैक्सीनेशन की शुरुआत की गई। प्रदेश के किसी भी आदिवासी जिले में ये पहला ड्राइव इन वैक्सीनेशन है। कैम्प में एक दिव्यांग व्यक्ति (लाल घेरे में) पैदल पहुंचे। उन्हें स्वास्थ्य विभाग के लोगों ने कुर्सी पर बिठाया और मोबाइल से रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन वैक्सीन नहीं लगाई। कुछ देर में एक कार आई तो इसमें पिछली सीट पर इस व्यक्ति को बिठाया और फिर वैक्सीन लगाई गई। उनके ठीक पहले बाइक से आए एक युवक को भी इसी कार में बिठाया गया। जो भी लोग पैदल आए, उनके साथ यही किया।
टीके का गणित; 30 जिलों में 70% हेल्थ-फ्रंट लाइन वर्कर को लगे दोनों डोज
हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर श्रेणी में तीस जिले ऐसे हैं जहां 70% से अधिक को दूसरा डोज लग गया है। 18 से 45 में यह तीन फीसदी से कम है और 45 और 60 वर्ष से ऊपर वालों में दूसरा डोज लगवाने वाले लोगों की संख्या 20-30% के करीब है। 2.5 लाख हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर को अब तक दूसरा डोज नहीं लगा है।
टीके के डोज; पहले डोज में इंदौर आगे और दूसरा डोज लगवाने में भोपाल
पहले के साथ-साथ दूसरा डोज लगाने में भोपाल बाकी चारों महानगरों से आगे है। यहां 2.88 प्रतिशत ने दूसरा डोज लगवाया है, जबकि इंदौर में यह 1.96% है। जबलपुर में 2.21 और ग्वालियर में 2.36 % ने दूसरा डोज लगवाया है। प्रदेश में सबसे ज्यादा वैक्सीन इंदौर में लगी है।