जबलपुर। गुजरात से जबलपुर तक लाए गए 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में एसआईटी 4 आरोपियों को लेकर आई है। एसआईटी ने इनको गुजरात के मोरबी जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लिया है। इनके खिलाफ जबलपुर के ओमती थाने में मामला दर्ज है। एसआईटी ने इससे पहले दो बार प्रोडक्शन वारंट जारी कराया था, लेकिन वहां की पुलिस नहीं ला पाई थी।
एसआईटी गुरुवार को चारों आरोपियों को कोर्ट पेश कर रिमांड पर लेगी। इन आरोपियों ने मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई किए हैं। जिन 171 मरीजों को इंजेक्शन लगाए गए उनमें से 50 के इलाज के बिल, बयान आदि दर्ज किए जा चुके हैं। तोड़कर फेंके गए लगभग 200 वायल सहित चार नकली इंजेक्शन भी पुलिस ने जब्त किए हैं।
10 लोगों पर दर्ज है मामला
एसआईटी प्रभारी ASP रोहित काशवानी ने बताया कि ओमती थाने में दर्ज नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। पांच आरोपी सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत मोखा, उसकी पत्नी सिमरत कौर, मैनेजर सोनिया खत्री, बेटा हरकरण, दवा कर्मी देवेश चौरसिया और एमआर राकेश शर्मा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
सरबजीत मोखा, पत्नी सिमरत कौर व मैनेजर सोनिया खत्री के साथ।
वहीं, चार अन्य आरोपी जबलपुर अधारताल निवासी दवा फार्मा के संचालक सपन जैन, मामले में मध्यस्थता करने वाला रीवा निवासी सुनील मिश्रा, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर कौशल बाेहरा और पुनीत शाह गुजरात के मोरबी जेल में बंद थे। पूर्व में चारों को इंदौर फिर सूरत की पुलिस ने रिमांड के लिए लिया था। जबकि जबलपुर की एसआईटी ने दो बार लाने का प्रयास किया था।
10 सदस्यीय टीम आरोपियों को लेकर पहुंची
आरोपियों को गुजरात से लाने घमापुर टीआई दिलीप श्रीवास्तव की अगुवाई में 10 सदस्यीय टीम दो वाहनों से गई थी। सड़क मार्ग से चारों आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर खुद लेकर जबलपुर पहुंची। चारों आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां से चारों को पांच दिन की रिमांड पर लेने की कोशिश में एसआईटी टीम है। एसआईटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ी तो सिटी अस्पताल के दवा कर्मी देवेश और मोखा को भी फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है।
कड़ी जोड़ने की कवायद करेगी एसआईटी
एसआईटी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वालों की पूरी कड़ी जोड़ने में जुटी है। कैसे गुजरात के मोरबी से नकली रेमडेसिविर इंदौर लाए गए। इसके बाद उसे अम्बे ट्रांसपोर्ट के माध्यम से जबलपुर लाया गया। इंदौर में ही एमआर राकेश शर्मा से सपन की कब और क्या बात हुई थी? सपन को सुनील मिश्रा का नंबर देवेश या मोखा में किसने दिया था? या फिर उसी ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए मोखा से संपर्क किया था। चारों के बयान और पूर्व में गिरफ्तार हो चुके आरोपियों के बयान को क्राॅस चेक किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर भी पूछताछ की जा सकती है।
यह है पूरा मामला
1 मई को गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का भंडाफोड़ हुआ।
6 मई की रात गुजरात पुलिस ने जबलपुर से सपन जैन को गिरफ्तार किया।
सपन ने सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत मोखा का नाम लिया और बताया कि 465 इंजेक्शन उसने दिए हैं।
ये इंजेक्शन 2 और 27 अप्रैल को दो कार्टून में जबलपुर लाए गए थे।
171 मरीजों को 209 इंजेक्शन लगाए गए। इसमें नौ की मौत हो चुकी है।