सीनियर आईएफएस अफसर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षण मोहन मीणा रिश्वत मामले की जांच रिपोर्ट सेन कमेटी ने वन प्रमुख आरके गुप्ता को सौंप दी है। कमेटी ने अपनी 100 पेज की रिपोर्ट में कहा है कि मीणा के कहने पर ही उनके बेटे विवेक के बैंक अकाउंट में ट्रेनी रेंजर अमित साहू और एसडीओ श्रद्धा पांढरे ने 15-15 हजार जमा कराए थे। लेकिन कमेटी ने यह नहीं बताया कि यह रकम बैंक में जाकर जमा कराई गई या ऑनलाइन ट्रांसफर की? अब इसकी जांच एक्सपर्ट से कराने की सिफारिश की है।
सूत्रों का कहना है कि मोहन मीणा पर लगे महिला उत्पीड़न के आरोपों की जांच रिपोर्ट आने में 3-4 दिन का समय और लगेगा।
बुधवार को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तो साबित हो रहा है कि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मोहन मीणा के कहने पर ही उनके बेटे के अकाउंट मे राशि जमा की गई है। यह भी उल्लेख किया है कि यह बात गले से नहीं उतर रही है। इसको लेकर तर्क दिया गया है कि मीणा ने अमित साहू को बैतूल में 30 हजार रुपए देने की बात कही है, जबकि उनके बेटे के अकाउंट में राशि पंजाब नेशनल बैंक की मुलताई ब्रांच से जमा कराई गई है।
अन्य अधिकारी से जांच कराने को कहा
रिपोर्ट में दूसरे ऑडियो के संबंध में उल्लेख किया गया है कि खरीद-फरोख्त और किए गए कार्यों की जांच मुख्यालय से एक अन्य अधिकारी को भेज कर कराई जाए। यहां यह उल्लेखनीय है कि दूसरे ऑडियो में प्रभारी सीसीएफ मोहन मीणा यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि खरीदी और कार्यों में बड़ी गड़बड़ी की गई है, जबकि रेंजर बेहतर कार्य करने की बात कह रहा है।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन सीसीएफ मोहन मीणा का मुलताई के पूर्व रेंजर से रुपए मांगने का ऑडियो वायरल हुआ था। शिकायत के बाद वन मंत्री विजय शाह ने इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय दल बैतूल भेजा था। जांच दल में भोपाल मुख्यालय से एपीसीसीएफ रैंक के अफसर शुभरंजन सेन और विभाष ठाकुर शामिल थे। जांच में चार ऑडियो मिले थे। इसमें से एक ऑडियो में 30 हजार रुपए डालने के लिए कहा गया। दोनों अफसरों ने बंद कमरे में शिकायतकर्ता प्रशिक्षु रेंजर अमित कुमार साहू के बयान दर्ज किए थे।
महिला कमेटी की रिपोर्ट तैयार में लगेंगे 4 दिन
महिला उत्पीड़न के मामले में मोहन मीणा के खिलाफ जांच करने के लिए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक बिंदु शर्मा और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अर्चना शुक्ला बैतूल जाकर पीड़ित महिलाओं के बयान दर्ज किए। इसके बाद उन्हें भोपाल भी बुलाया गया। बावजूद इसके अभी तक जांच प्रतिवेदन तैयार नहीं हो पाया है।
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि अभी 3 से 4 दिन और लगेंगे। महिला वन कर्मचारियों ने उत्पीड़न को लेकर खुलकर बयान दर्ज कराए। जांच कमेटी के सदस्यीय स्वीकार कर रही है कि मोहन मीणा से महिलाएं उत्पीड़ित हुई हैं।