केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शहर के बड़े कारोबारी उमेश शाहरा सहित उसके सहयोगियों पर 188.35 करोड़ के बैंक घोटाले में केस दर्ज किया है। इस मामले में CBI की एक टीम गुरुवार सुबह को उमेश शाहरा की तलाश में इंदौर पहुंची। टीम ने उनके घर और ऑफिस में दबिश दी। टीम अभी घर और दफ्तर की जांच कर रही है। घर में मौजूद लोगों से पूछताछ के बाद कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं।
जानकारी अनुसार, CBI की टीम ने इंदौर, मुंबई और बेंगलुरु समेत 6 शहरों में एक साथ छापेमारी की है। इंदौर में रुचि ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड में CBI ने छापेमारी की और दस्तावेज जब्त किए। उमेश के अलावा उसके सहयोगी साकेत बरोदिया और आशुतोष मिश्रा के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है।
CBI की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर ऋण देने वाली बैंकों की संघ की ओर से कंपनी के के मुंबई स्थित कार्यालय और इंदौर स्थित कॉपोरेट दफ्तर के अलावा उनके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बैंक धोखाधड़ी के ये आरोप 1 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2017 की अवधि के दौरान के हैं।
इन पर आरोप है कि इन्होंने डायवर्सन, सट्टा, लेनदेन, कंसोर्टियम बैंक खातों में बिक्री की आय रुटिंग न करने और सात सिस्टर कंपनियों के साथ लेनदेन में गड़बड़ी कर उधार देने वाले बैंकों को नुकसान पहुंचाया। इसमें पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक सहित दो अन्य बैंकों के साथ गबन किया। बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर CBI ने मामले की जांच के बाद केस दर्ज कर लिया था।
इन पर केस दर्ज
CBI ने रुचि ग्लोबल लिमिटेड के अलावा, मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी उमेश शाहरा, साकेत बरोदिया और आशुतोष मिश्रा का नाम आरोपी के रूप में दर्ज किया है। कंपनी रुचि ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी के रूप में काम करती है। यह धातु, धातु अयस्क, अनाज और दालों की थोक बिक्री करता है।