हाईकोर्ट ने स्टे हटाया, बिजली कंपनियों ने 6.25% दर बढ़ाने की दायर कर रखी है याचिका

Posted By: Himmat Jaithwar
6/16/2021

मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं पर कोविड काल में दोहरी मार पड़ने जा रही है। बिजली सेवाओं की दर बढ़ाने के साथ अब MP में बिजली के दाम 6.25% तक बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया। जबलपुर हाईकोर्ट ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिजली की दर तय करने पर लगी रोक हटा दी है। साथ ही हाईकोर्ट ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिस पर सुनवाई के बाद बिजली की दरें तय करने पर रोक लगाई थी।

दरअसल प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने जनवरी में ही नियामक आयोग में बिजली के रेट में 6.25% वृद्धि की याचिका दायर कर रखी है। निर्मल लोहिया की याचिका पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी। 15 जून को हाईकोर्ट ने इस पर रोक हटा दी है। अब मध्यप्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए टैरिफ ऑर्डर जारी करने के लिए स्वतंत्र है।

अभी ये हैं मौजूदा बिजली की दरें

  • 0-50 यूनिट-3.85 रुपए प्रति यूनिट
  • 51-150 यूनिट-4.95 रुपए प्रति यूनिट
  • 151-300 यूनिट-6.30 रुपए प्रति यूनिट
  • 300 यूनिट से ऊपर 6.50 रुपए प्रति यूनिट
जबलपुर शक्तिभवन बिजली कंपनियों का हेड आफिस है।
जबलपुर शक्तिभवन बिजली कंपनियों का हेड आफिस है।

मप्र विद्युत नियामक आयोग टैरिफ ऑर्डर जारी करने के लिए स्वंतत्र

मप्र पावर मैनेजेमेंट की ओर से राज्य विद्युत नियामक आयोग में 6.25% दर बढ़ाने की टैरिफ याचिका लगाई है। कंपनी ने इसके पीछे 44 हजार 814 करोड़ रु. की वार्षिक राजस्व की जरूरत बताते हुए करीब 3000 करोड़ रुपए की कमी होना बताया है। पूर्व में जनवरी से मार्च तक 3 महीने के लिए दरें 1.98% पहले ही बढ़ाई जा चुकी है। फिलहाल 100 एवं 150 यूनिट की खपत वालों को इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सब्सिडी मिल रही है। इसे जारी रखने का निर्णय राज्य सरकार को करना है।

ऐसे बढ़ेगा आपका बिल (अनुमानित रुपए में )
स्लैब बिजली दर अभी वृद्धि के बाद
100 यूनिट 673 694
200 यूनिट 1774 1852
300 यूनिट 2767 2887
400 यूनिट 3690 3852

(इसमें एनर्जी चार्ज, फिक्स चार्ज, फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट, ड्यूटी को जोड़ा गया है)

जबलपुर हाईकोर्ट ने टैरिफ याचिका जारी करने पर लगाई गई रोक हटाई।
जबलपुर हाईकोर्ट ने टैरिफ याचिका जारी करने पर लगाई गई रोक हटाई।

टीकमगढ़ के अधिवक्ता ने लगाई थी याचिका

टीकमगढ़ के वकील, निर्मल लोहिया ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली के दाम बढ़ाने के खिलाफ याचिकाकर्ता की आपत्ति पर सुनवाई नहीं की। 16 मार्च 2021 को जबलपुर हाईकोर्ट ने अपना अंतरिम आदेश सुनाते हुए विद्युत नियामक आयोग को साल 2021-22 का टैरिफ आदेश सुनाने पर रोक लगा दी थी।

हाईकोर्ट ने कहा- नेचुरल जस्टिस का मतलब व्यक्तिगत सुनवाई नहीं

हाईकोर्ट ने 15 जून को याचिका को खारिज करते हुए अपना फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने कहा नेचुरल जस्टिस का मतलब व्यक्तिगत सुनवाई नहीं है। याचिकाकर्ता चाहें तो अपीलीय अधिकरण के सामने अपील कर सकते हैं और राज्य विद्युत नियामक आयोग को समय सीमा में टैरिफ याचिका पर अपना आदेश सुनाना चाहिए।



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