भोपाल कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के साथ ही देश में वैक्सीनेशन (Vaccination) भी शुरू कर दिया गया. देश भर में अब कोरोना के मामलों में भी कमी आने लगी. मध्य प्रदेश में भी कम होते कोरोना मरीजों के बाद अब स्वास्थ्य विभाग और राज्य शासन का पूरा ध्यान वैक्सीनेशन पर है. जिसे देखते हुए भोपाल सेंट्रल जेल के 99 फीसदी कैदियों का भी टीकाकरण संपूर्ण किया गया.
23 सिमी आंतकियों ने किया इनकार
भोपाल जिला जेल में इस वक्त करीब 3500 कैदी बंद हैं, जिनमें 28 सिमी (Students' Islamic Movement of India) के आतंकवादी भी हैं. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा. वैक्सीनेशन जरूरी है, लेकिन व्यक्ति की इच्छा के बाद ही उसे टीका लगेगा. जिसे देखते हुए 28 में से 23 आतंकियों ने टीका लगवाने से इनकार कर दिया, 5 को वैक्सीन लगी. देश विरोधी गतिविधियों के मामले में ये आतंकी 2014 से जेल में बंद हैं.
अप्रैल से जून में लगा वैक्सीन का पहला डोज
भोपाल जिला जेल में फिलहाल 3500 से ज्यादा विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदी हैं. कुछ कैदी पैरोल पर रिहा भी हैं. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन अप्रैल में ही शुरू किया गया. प्रशासन की मदद से जेल प्रबंधन ने कैदियों के वैक्सीनेशन की व्यवस्था की. जिसके तहत अप्रैल में 1278 और मई-जून 2219 कैदियों ने वैक्सीन का पहला डोज लगवाया.