जबलपुर में 4 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ बीते 20 अप्रैल को STF द्वारा दबोचे गए निजी अस्पताल के दो डॉक्टरों की डिग्री फर्जी निकली। एक अभी पढ़ाई कर रहा है, तो दूसरे ने कभी दाखिला ही नहीं लिया। STF ने CMHO को पत्र भेजकर पूछा है कि ऐसे डॉक्टरों को नौकरी पर रखने वाले अस्पतालों के खिलाफ क्या मामला बन सकता है? आखिर ऐसे अनट्रेंड डॉक्टर इलाज करेंगे तो मरीज का भगवान ही मालिक है।
एसटीएफ ने 20 अप्रैल को 4 रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में 5 लोगाें को गिरफ्तार किया था। इसमें निजी अस्पताल के पैथालाॅजिस्ट सहित आशीष हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ. नीरज साहू और लाइफ मेडिसिटी हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ. जितेंद्र को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान ही उनकी याेग्यता संबंधी दस्तावेज संदिग्ध लगे थे। दोनों डॉक्टरों की डिग्री की जांच को लेकर STF ने कॉलेज प्रशासन से पत्राचार किया था।
जांच में एक डॉक्टर पढ़ाई कर रहा तो दूसरे ने एडमिशन ही नहीं लिया
जबलपुर। दोनों डाॅक्टरों ने निजी अस्पताल में नौकरी पाने के लिए जबलपुर स्थित MEH अल्टरनेटिव मेडिकल कॉलेज के नाम से जारी डिग्री का सहारा लिया था। STF के पत्र के जवाब में महाविद्यालय ने जो जवाब भेजा, उससे पता चला कि अभी जितेंद्र सिंह ठाकुर पढ़ाई कर रहा है। जबकि नीरज साहू की डिग्री फर्जी है। उसने फोटो स्कैन कर डिग्री बनाई थी।
जाली दस्तावेज के मामले में दर्ज होगी FIR
STF ने इस मामले में अब आरोपियाें के खिलाफ जाली दस्तावेज तैयार करने के मामले में FIR दर्ज करने का निर्णय लिया है। रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में गिरफ्तार सभी आरोपी अभी जेल में बंद हैं। उक्त दोनों डॉक्टरों को फिर से रिमांड पर लेने की तैयारी में है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर भी दोनों से पूछताछ नहीं हो पाई थी।
अस्पतालों की भी भूमिका संदिग्ध
STF एसपी नीरज सोनी के मुताबिक निजी अस्पतालों में नौकरी करने वाले डॉक्टरों की डिग्री जांच करना भी प्रबंधक की जवाबदारी है। CMHO से पूछा है कि गलत लोगों को नौकरी देकर मरीजों की जान से खिलवाड़ की छूट देने वाले अस्पतालों की पर क्या कार्रवाई हो सकती है।
18-18 हजार रुपए में बेच रहे थे एक रेमडेसिविर इंजेक्शन।
अब तक छह आरोपियों की हुई है गिरफ्तारी
एसटीएफ ने 20 अप्रैल को गंगानगर गढ़ा निवासी सुधीर सोनी, यहीं के राहुल विश्वकर्मा, दीक्षितपुरा निवासी एवं संस्कारधानी हॉस्पिटल में कार्यरत राकेश मालवीय, दीक्षितपुरा निवासी एवं आशीष हाॅस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर नीरज साहू और लाइफ मेडीसिटी हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर जितेंद्र सिंह ठाकुर को गिरफ्तार किया था।
आरोपियों के पास से 4 रेमडेसिविर इंजेक्शन, 6 मोबाइल, 10 हजार 400 रुपए नकदी, कार एमपी 20 सीके 0830 को जब्त किया था। दो जून को STF ने नागपुर की महिला डॉक्टर डॉक्टर संगीता पटेल को गिरफ्तार किया था। उन्होंने तीन इंजेक्शन नीरज साहू को 18-18 हजार रुपए में उपलब्ध कराए थे।
दोनाें डॉक्टरों पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने का दर्ज होगा प्रकरण
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में पकड़े गए दो डॉक्टराें की डिग्री फर्जी मिली है। उनके खिलाफ अलग से FIR दर्ज की जा ही है। सीएमएचओ कार्यालय निजी अस्पतालों को पंजीयन देते समय दस्तावेंजों की जांच की प्रक्रिया के नियम के बावत जानकारी मांगी है।
नीरज सोनी, एसपी, STF जबलपुर