"सूचना का अधिकार अधिनियम 2005" में संशोधन के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल हुई याचिका, दावा- पारदर्शिता में आएगी कमी

Posted By: Himmat Jaithwar
6/12/2021

बिलासपुर: हाईकोर्ट में सूचना का अधिकार अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की. जिस पर डिवीजन बेंच मुख्य न्यायाधीश प्रशांत मिश्रा और न्यायाधीश पी पी साहू ने आदेश दिया कि इसी प्रकार की एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उसका अगली सुनवाई में स्टेटस प्रस्तुत करने कहा है.

बता दें कि केंद्र सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में संशोधन किया है. याचिकाकर्ता विवेक वाजपेयी ने अपने अधिवक्ता संदीप दुबे, सुशोभित सिंह द्वारा याचिका दायर कर कहा है कि केंद्र सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए धारा 13, धारा 16 और धारा 27 को संशोधित कर सूचना आयुक्त की शक्तियों को छीनकर अपने अधीन कर लिया है.

नियंत्रण केन्द्र सरकार के अधीन
संशोधन के बाद सूचना आयुक्त की नियुक्ति, सेवा अवधि, वेतन सहित अन्य शक्तियों का नियंत्रण पूरी तरह से केन्द्र सरकार के अधीन आ जाएगा. संशोधन से पहले सूचना आयुक्त का वेतन भत्ता और अन्य शक्तियां मुख्य सूचना आयुक्त के समकक्ष थी, ज़िसे संशोधन के बाद विलोपित कर दिया गया है.

3 सप्ताह में जवाब तलब
याचिका में कहा गया है कि संशोधन  के बाद सूचना आयुक्त, जो कि एक अर्ध न्यायिक संस्था है, उसकी स्वतंत्रता और स्वायत्ता को आघात पहुंचाया गया है. संशोधन से सूचना आयुक्त केन्द्र सरकार के अधीन हो जाएगा, जिससे नागरिकों को सूचना प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न होगी और पारदर्शिता मे कमी आयेगी.

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और कानून मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए 3 सप्ताह में जवाब तलब किया था.
अब इस मामले में 3 सप्ताह के बाद अगली सुनवाई होगी. बता दें कि इसी तरह की याचिका जयराम नरेश ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.



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