राघौगढ़ . कोरोना फाइटर्स की सूची में नर्स, डाक्टर, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी आदि शामिल हैं। पर उन ट्रक ड्राइवरों व क्लीनर के बारे में ज्यादा लिखा पढ़ा नहीं जा रहा, जो आज भी जरूरी चीजों की आपूर्ति में लगे हुए हैं। हालत यह है कि उन्हें खाने तक के लाले पड़ रहे हैं। सैकड़ों किमी यात्रा करने के बावजूद उन्हें चाय तक नसीब नहीं होती।
शुक्रवार को हाईवे पर स्थित बस स्टॉप पर खाना पका रहे कुछ लोगों को जब बात की तो पता चला कि ड्राइवर व क्लीनरों को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अहमदाबाद से दवाएं लेकर जा रहे रामवीर सिंह गुर्जर ने बताया कि आज दो दिन बाद खाने का इंतजाम हो पाया है।
उन्होंने कहा कि दो दिन में 800 किमी के सफर के दौरान हम लगातार फोरलेन हाईवे पर रहे। इसके बावजूद कहीं भी खाना तो दूर चाय तक नहीं मिल रही है। हाल यह है कि जब लोगों को पता चलता है कि हम इंदौर से होकर आ रहे हैं तो वे दूर भाग जाते हैं।
लोगों ने आटा, सब्जी, स्टोव का इंतजाम किया
हालांकि वे इस बात से खुश थे कि आवन में आखिरकार उन्हें भोजन का इंतजाम हो गया। यहां लोगों ने उन्हें आटा, अनाज व स्टोव का इंतजाम करा दिया। उन्होंने कहा कि हाईवे किनारे बसे लोगों के यहां जाकर उन्होंने खाने का इंतजाम करने का अनुरोध किया था। इसके बदले वे पैसा देने को तैयार थे, लेकिन गांव वालों ने मना कर दिया। उनका कहना था कि यहां तो खाना मिल गया अब पता नहीं आगे जाने पर हम कब पेट भर पाएंगे।