भोपाल. आज लॉक डाउन का 18वां दिन है। शुक्रवार देर रात तक प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 457 पर पहुंच गई है। 32 की मौत हो चुकी है। वहीं, 15 मरीजों के ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज
आज लॉकडाउन का 18वां दिन है। प्रदेश में अब तक 483 संक्रमित मिले हैं और 40 मौतें हाे चुकी हैं। 15 मरीजों के ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। जैसे-जैसे लॉकडाउन के पहले दौर की अवधि पूरी होने जा रही है, मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। कोरोना का संक्रमण 20 जिलों में पहुंच गया है। इधर, लॉकडाउन के 30 अप्रैल तक और बढ़ाए जाने की संभावना जताई जाने लगी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसके संकेत पहले ही दे चुके हैं। मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। लॉकडाउन का पहला दौर तो लोगों ने जैसे-तैसे काट लिया है लेकिन बिना समुचित और पुख्ता इंतजाम किए लॉकडाउन की अवधि बढ़ती है तो जनता को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
लॉकडाउन के असर से लोगों को जरूरी सामान की दिक्कत होने लगी है। लोग सड़कों पर प्रदर्शन करने पर उतारू हो रहे हैं। भोपाल के बाग सेवनिया इलाके में शुक्रवार को ऐसा ही नजारा देखने मिला। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में लोगों के पास राशन खत्म हो गया है। अगर आज लॉकडाउन को और बढ़ाए जाने का फैसला होता है तो आने वाले दिनों में और ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिला स्तर पर लोगों को जो राहत पहुंचाने के प्रयास किए जाए रहे हैं उससे आमजनता को राहत नहीं मिल रही है। पूरे प्रदेश में जरूरी सामान की कीमतों में बेहताशा इजाफा हुआ है। व्यापारी मनमाने दाम वसूल कर रहे हैं। आलू 40 से ज्यादा और प्याज 30 रुपए किलो मिल रही है। अभी तक होम डिलीवरी सुविधा भी लोगों को सुचारू रूप से नहीं मिल पा रही।
भोपाल: बाग सेवनिया में सड़क पर आकर बैठीं महिलाएं, बोलीं- फांसी लगा लेंगे
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) के पीछे बाग सेवनिया क्षेत्र स्थित अमराई पार्क के सामने शुक्रवार को महिलाएं विरोध दर्ज कराने सड़क पर उतर आईं। राशन की मांग को लेकर महिलाएं तेज धूप होते हुए भी सड़क पर धरना देती रहीं। इसमें वार्ड 55 और 56 के परिवारों की महिलाएं शामिल रहीं। अब कोरोना के कारण किए गए फुल लॉकडाउन से इनके सब्र का बांध टूटता जा रहा है। स्थानीय प्रशासन से मदद नहीं मिलने पर इनको विरोध करना पड़ा। वार्ड 55 की महिला ने आरोप लगाए कि यदि राशन की मांग करने जाओ तो नगर निगम के लाेग बोलते हैं- पुलिस को बुलाएं क्या? न तो अधिकारी मदद कर रहे हैं और न पार्षद। महिला बिनी जार्ज ने आरोप लगाया कि नि:शुल्क राशन आज तक लोगों के घरों में नहीं पहुंचा है। पार्षद और अधिकारियों से बोलो तो वे कहते हैं कि कलेक्टर ऑफिस से लिस्ट नहीं आई है।
भोपाल में झुग्गीवासियों ने खाद्य सामग्री की गाड़ी लूटी
भोपाल के बागमुगालिया एक्सटेंशन में दाल-चावल बांटने एक गाड़ी पहुंची तो झुग्गीवासियों ने हाथोंहाथ सामान लूट लिया। इन लोगों ने ड्राइवर और नगर निगम के स्टाफ के साथ भी बदतमीजी की और गाड़ी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। स्थानीय रहवासी रोहित ने बताया कि जिन लोगों ने यह सामग्री लूटी है उन्हें पहले ही तीन महीने का अनाज मिल चुका है। इनकी हरकत के कारण जरूरतमंदों को सामान नहीं मिल सका। उधर, राशन नहीं मिलने पर कोलार रोड पर झिरी के ग्रामीणों ने मेनरोड पर बोल्डर रख कर रास्ता जाम कर दिया। निगम के कोलार फिल्टर प्लांट के कर्मचारियों को लाने ले जाने वाली स्टाफ बस को आधे घंटे बाद जाने दिया, लेकिन भोपाल आ रहे अन्य लोगों को दूसरे रास्ते से जाना पड़ा। दरअसल, यह गांव रायसेन जिले में है। कलेक्टर उमाकांत भार्गव ने कहा कि लोगों को जल्द ही राशन वितरित किया जाएगा ।
पड़ोस से आटा मांगकर घर में जला चूल्हा
लॉक डाउन में मजदूर वर्ग की गृहस्थी का बजट पूरी तरह गड़बड़ा गया है। शिवपुरी जिले में हर दिन मजदूरी कर अपना व परिवार का पेट पालने वाला मजदूर तीन सप्ताह से घर बैठा है। शहर की करौंदी बस्ती में रहने वाली महिला रानी खटीक के यहां आटा खत्म हो गया है। उसने पड़ौस से आटा उधार लिया, तब जाकर घर में चूल्हा जला। अब ये आटा खत्म हुआ तो आसपास वाला भी आटा-दाल देने को तैयार नहीं है, क्योंकि सभी के यहां यही स्थिति है। दूसरे परिवारों में भी किसी के यहां 3 दिन तो किसी के यहां 5 दिन का राशन बचा है। इसी पीड़ा के साथ शुक्रवार को डेढ़ सौ से अधिक महिलाएं और पुरुष राशन मांगने के लिए फिर नगर पालिका दफ्तर पहुंच गईं। इन सभी महिलाओं और पुरुषों के नाम पते नोट करने के बाद इन्हें अगले दिन घर पर दस-दस किलो ग्राम राशन भिजवाने के आश्वासन के साथ वापस भेजा गया। मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवारों को अब राशन खत्म होने की चिंता सता रही है। आगे भी गुजारा चलता रहे, इसलिए महिलाएं लॉक डाउन की परवाह ना करते हुए घरों से निकलकर नगर पालिका पहुंच रहीं हैं। इससे पहले महिलाएं पुलिस कंट्रोल रूम और जिला पंचायत भी पहुंच चुकी हैं।
विदिशा में जमातियों से फैला संक्रमण
विदिशा शहर में जो पांच कोरोना के केस सामने आए हैं, इनमें से चार लोगों की लोकेशन 17 से 22 मार्च के दौरान दिल्ली की मिली थी। जबकि संक्रमित के संपर्क में आने से एक युवक संक्रमित हुआ है। विदिशा में जिनके मामले पॉजिटिव आए हैं, उनमें एक 36 वर्षीय महिला निवासी किलेअंदर, 30 वर्षीय पुरुष किलेअंदर, 38 वर्षीय पुरुष निवासी चौपड़ा, 40 वर्षीय पुरुष निवासी लोहांगीमुहल्ला और 55 वर्षीय भी पुरुष निवासी स्वर्णकार कालोनी के हैं। गंजबासौदा में जो चार नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं वे जमात से जुड़े हुए हैं। सिरोंज में संक्रमित जमाती युवक उसके अन्य 9 साथी जमात के दौरान बासौदा में जिस परिवार के संपर्क में आए थे उस परिवार की एक 8 साल बच्ची पहले ही कोरोना पॉजिटिव आ चुकी है। जबकि चार नए संक्रमित भी इसी परिवार के हैं जिनमें एक 55 वर्षीय, 50 वर्षीय 18 वर्षीय और 25 वर्षीय लोग शामिल हैं।
श्योपुर में आईसोलेट लोगों ने फेंका खाना, बोले- रोटियां कच्ची हैं
पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आए 50 लोगों को बायपास रोड स्थित गर्ल्स हॉस्टल में आईसोलेट किया गया है। हॉस्टल में कुछ लोगों ने खाना फेंक दिया और बदतमीजी की। इस संबंध में जब डीपीओ ओपी पांडे ने बताया कि इन लोगों के लिए सुबह 7 से रात 9 बजे तक सेवा दे रहे हैं। कुछ लोगों ने शुक्रवार की दोपहर खाना फेंका है, उनका कहना था कि रोटिया कच्ची हैं, जबकि वही खाना मैं भी खा रहा हूं। जिसे शहर के बड़े होटल से बनवाकर भिजवाया जा रहा है। इनके लिए सुबह चाय, पोहा, दोपहर में सब्जी, रोटी चावल और दूध दिया जा रहा है। शाम को फिर से खाना जबकि दोपहर 3 बजे चाय-बिस्किट दिए जा रहे हैं। बच्चों के लिए कलेक्टर की ओर से अलग से खिलौने व अन्य सामग्री बिस्किट-टॉफी भेजी जा रही है।
24 घंटे में 4 नए पॉजिटिव, छोटे शहरों में इटारसी मप्र में दूसरे नंबर पर
होशंगाबाद जिले में कोरोना का संक्रमण इटारसी में तेजी से बढ़ा है। शुक्रवार को चार और नए कोरोना पॉजिटिव मिले। इनमें डॉक्टर का चौकीदार भी संक्रमित पाया गया, इसके अलावा जीन मोहल्ला के मृतक बिजलीकर्मी के दो पड़ोसी भी संक्रमित हैं। चौथा पॉजिटिव गांधी नगर का है। अकेले इटारसी से ही 10 मरीज कोरोना के मिले हैं। आंकड़ों के लिहाज से छोटे शहरों में इटारसी कोरोना में मप्र में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। उससे आगे सिर्फ सेंधवा (बड़वानी) ही है। जहां एक ही परिवार में 13 केस पाए गए थे। मप्र में इससे अधिक के सभी मामले बड़े शहरों से जुड़े हुए हैं। इटारसी में कोरोना आने के बाद प्रशासन ने होशंगाबाद की सीमा सील करते हुए यहां वार्ड से बाहर निकलने पर भी पाबंदी कर दी है। वाहन से भी लोग नहीं घूम सकेंगे, इसकी मुनादी शुक्रवार रात करा दी गई। चारों नए पॉजिटिव के संपर्क में आए लोगों से स्वयं सामने आने की अपील की गई है।
पुलिसकर्मियों के लिए चाय और नाश्ता लेकर आए एसपी
राजगढ़ पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने कोरोना ड्यूटी कर रहे अधीनस्थ अमले को प्रोत्साहित करने शुक्रवार को अनूठी पहल की। वे शुक्रवार शाम करीब 5 बजे जिप्सी में चाय का भर कैंपर, बिस्किट के पैकेट और नाश्ता रखकर ब्यावरा पहुंचे। यहां पीपल चौराहे पर उन्होंने कोरोना संक्रमण के बीच ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों, नपा कर्मियों और मीडिया कर्मियों को उन्होंने खुद ही अपने हाथों से चाय देकर पिलाई व बिस्किट बांटे। वहीं जो पुलिस कर्मी चाय नहीं पीते थे उनके लिए नींबू पानी पिलाया। इसके बाद उन्होंने पुलिस के सभी वाहनों को सेनेटाइज कराया। एसपी श्री शर्मा ने बताया कि, कोरोना ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों लॉकडाउन में दुकानें बंद होने से चाय और नाश्ता नहीं मिल पा रहा है। उन्हें चाय व नाश्ता मुहैया कराने के लिए पुलिस कैफेटेरिया नाम से इस वाहन को शुरू किया है। लॉकडाउन अवधि के दौरान ये वाहन रोज जिले का भ्रमण कर ड्यूटी कर रहे अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए चाय व नाश्ता कराएगा।