भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल मई में 1.6 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। पहली बार सरकारी डेटा में दर्ज इन मौतों का हिसाब मिला है। जन्म-मृत्यु का हिसाब रखने वाले सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के सरकारी डेटा के मुताबिक इस साल मई में मौतों का आंकड़ा पिछले सालों के मुकाबले 4 गुना ज्यादा है।
वहीं इस साल जनवरी से मई के बीच पिछले साल की तुलना में 1.9 लाख ज्यादा मौतें हुई हैं। राज्य में मई 2019 में 31 हजार और 2020 में 34 हजार जानें गईं थीं। हालांकि देशभर में लॉकडाउन के चलते मौतों की संख्या अप्रैल 2020 में घटी थी, लेकिन उसी साल मई में संख्या बढ़ने लगी।
इस साल मार्च में मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा और अप्रैल तक महीनेभर में दर्ज हो रही मौतों की संख्या दोगुनी हो गई। मई में तो छह महीने के बराबर मौतें दर्ज हुई हैं। हालांकि ये जरूरी नहीं कि ये सभी मौतें कोविड से ही हुई हों।
भोपाल में अप्रैल-मई 2019 में 528, 2020 में 1204 और 2021 में 11045 मौतें हुई हैं। वहीं इंदौर में अप्रैल-मई 2021 में 19 हजार लोगों की जान गई है। पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें इंदौर में ही हुई हैं। मौतों के ये आंकड़े इंदौर और भोपाल जैसे महानगरों तक ही सीमित नहीं हैं। बल्कि छिंदवाड़ा जैसे ग्रामीण आबादी वाले जिले में दर्ज हुई मौतों की संख्या भी काफी ज्यादा है।
- अप्रैल-मई 2021 में कोविड से हुई मौतों के सरकारी आंकड़े से 40 गुना मौतें दर्ज हुई हैं।
- भोपाल में अप्रैल-मई में सामान्य औसत से 2000% ज्यादा मौतें हुई हैं।
- अप्रैल-मई 2018-19 में भोपाल में 528 मौतें हुई थीं। 2021 में यह आंकड़ा 11045 पहुंचा।
क्या है सीआरएस: जन्म-मृत्यु का सबसे विश्वसनीय रिकॉर्ड
सीआरएस के तहत ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार जनरल इंडिया, देशभर में जन्म और मृत्यु का हिसाब रखता है। सभी राज्यों को सीआरएस पर मौत और जन्म का आंकड़ा दर्ज करना होता है। भारत में हुई 86% और मध्य प्रदेश में हुई 80% मौतें यहां दर्ज होती हैं। सिर्फ सीआरएस का ऑल-कॉज मॉर्टेलिटी डेटा ही अतिरिक्त मौतों की संख्या का इकलौता विश्वसनीय अनुमान देता है। ये हर मौत का रिकॉर्ड रखता है, चाहे कहीं भी, किसी भी कारण से हुई हों। भले मेडिकल सर्टिफिकेट हो या नहीं हो।
2021 में बीते साल के मुकाबले 1.9 लाख ज्यादा मौतें, सबसे ज्यादा इंदौर में
मध्य प्रदेश में इस साल 3.5 लाख मौतें हुई हैं। इस साल जनवरी से मई के बीच साल 2019 के मुकाबले 1.9 लाख ज्यादा मौतें हुई हैं। जबकि सरकार ने जनवरी से मई 2021 के बीच सिर्फ 4,461 कोविड मौतों की जानकारी दी है। मध्य प्रदेश में अप्रैल-मई 2021 में सरकारी आंकड़ों में दर्ज कोविड मौतों से 40 फीसदी ज्यादा मौतें हुई हैं। इस दौरान इंदौर में सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं।
इंदौर के बाद भोपाल, जबलपुर, उज्जैन और छिंदवाड़ा जिलों में सबसे ज्यादा मौतें हुईं। वहीं भोपाल में मौतों में पिछले सालों के मुकाबले सबसे बड़ा इजाफा देखा गया है। भोपाल के बाद छोटे शहर जैसे की शाजापुर, नीमच, होशंगाबाद और मंदसौर में सबसे ज्यादा जानें गई हैं। इनमें कई कोरोना से हुई मौतें हो सकती हैं। हालांकि कोविड से मौत उन्हीं की मानी गई, जो टेस्ट कराने पर पॉजिटिव पाए गए और अस्पताल में भर्ती होने के बाद जिनकी मौत हो गई थी।