राजस्थान में सचिन पायलट और उनके खेमे की नाराजगी को लेकर सियासी हलचल लगातार तेज हो रही है। पायलट पिछले साल उनसे किए गए वादे 10 महीने बाद भी पूरे नहीं होने पर नाराजगी जता चुके हैं। इस बीच, पायलट कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के संपर्क में हैं। बताया जाता है कि कल देर रात उनकी फोन पर प्रियंका से बात हुई है। बातचीत का ब्यौरा तो पता नहीं चला है, लेकिन माना जा रहा है कि पायलट ने उन्हें अपनी बात कह दी है।
पायलट आज दिल्ली भी जाने वाले हैं। दिल्ली में वे कांग्रेस के सीनियर लीडर्स से मिल सकते हैं। पिछली बार बगावत के बाद उन्हें मनाने में प्रियंका की ही अहम भूमिका रही थी। पायलट को लेकर अब कांग्रेस की चिंता इसलिए भी बढ़ गई होगी, क्योंकि दो दिन पहले ही राहुल गांधी के करीबी रहे जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हो गए थे।
वहीं पायलट दिल्ली में कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं। ये दोनों ही नेता पायलट के मुद्दे को लेकर पिछले साल बनाई गई सुलह कमेटी में शामिल हैं। हालांकि इस कमेटी की रिपोर्ट 10 महीने बाद भी नहीं आई है और पायलट की नाराजगी की वजह भी यही है। हालांकि माना यह जा रहा है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है क्योंकि पायलट के साथ दिखे 18 विधायक अब उनके साथ नहीं है।
सचिन ने नाराजगी के बावजूद कांग्रेस में रहकर लड़ने के संकेत दिए
सचिन पायलट ने अशोक गहलोत सरकार से नाराजगी तो जाहिर की है, लेकिन यह संकेत भी दिए हैं कि वे कांग्रेस में रहकर ही संघर्ष करेंगे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पायलट की मुख्य लड़ाई कांग्रेस से नहीं बल्कि अशोक गहलोत से है। इन दोनों के बीच सत्ता का संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।
महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन में पायलट शामिल
सचिन पायलट जयपुर में महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन में हिस्सा लिया है। पायलट ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ लगातार अभियान चलाने की पैरवी की है। वे कांग्रेस के सभी कार्यक्रमों में लगातार हिस्सा ले रहे हैं। इसके पीछे लगातार सक्रिय रहने की रणनीति है।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ सांगानेर के पेट्रोल पंप पर प्रदर्शन करते सचिन पायलट।
विधायक हेमाराम चौधरी इस्तीफा देने के बाद पहली बार पायलट से मिले
अपने इलाके के विकास में भेदभाव समेत दूसरे मुद्दों पर नाराज होकर इस्तीफा देने वाले विधायक हेमाराम चौधरी गुरुवार रात जयपुर पहुंचे थे। शुक्रवार को उन्होंने सचिन पायलट से मुलाकात की है। हेमाराम चौधरी पायलट के समर्थक हैं और पिछले साल बाड़ेबंदी में उनके साथ ही थे। हेमाराम का कहना है, 'मैं इस्तीफा दे चुका हूं। अध्यक्ष जब बुलाएंगे तब मैं उनके सामने पेश हो जाऊंगा। इस्तीफे पर फैसला अध्यक्ष को करना है।'
सचिन के पास विधायक कम होने के संकेत
पिछले साल सचिन पायलट ने जब बाड़ेबंदी की थी, उस वक्त उनके साथ 18 विधायक थे। लेकिन पिछले दो दिन में हुए घटनाक्रम में पायलट के साथ कम विधायक दिखने से राजनीतिक विश्लेषक यह मान रहे है कि गहलोत सरकार पर कोई संकट नहीं है। गुरुवार को पायलट के आवास पर सिर्फ पांच विधायक पहुंचे थे। जबकि शुक्रवार को पायलट की पिता की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में तीन विधायक पहुंचे थे। हालांकि कोरोना के कारण यह कार्यक्रम संक्षिप्त ही रखा गया था। हालांकि सचिन पायलट शुक्रवार सुबह दौसा के जीरोता व भंडाना गांव पहुंचकर अपने स्वर्गीय पिता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजेश पायलट को पुष्पांजलि अर्पित की। उनका पूर्व निर्धारित कार्यक्रम निरस्त होने की खबरों के बीच सचिन पायलट सुबह साढ़े 9 बजे अचानक दौसा पहुंचे जहां उन्होंने सर्वप्रथम जीरोता गांव स्थित पायलट स्मारक व इसके बाद भंडाना गांव में स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। करीब 20 मिनट के संक्षिप्त कार्यक्रम के बाद पायलट जयपुर के लिए रवाना हो गए। उन्होंने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। इस दौरान दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा, बांदीकुई विधायक जीआर खटाणा, वैर विधायक अमर सिंह जाटव मौजूद रहे। सिकराय विधायक ममता भूपेश पायलट के जाने बाद पहुंची। राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर भंडाना में हर वर्ष प्रार्थना सभा होती है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण सिर्फ पुष्पांजलि कार्यक्रम ही रखा गया था।