कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा के रिश्तेदार प्रदीप नीखरा को प्रभारी प्रबंध संचालक पद से हटाया, 20 दिन बाद है रिटायरमेंट

Posted By: Himmat Jaithwar
6/11/2021

भोपाल। अपेक्स बैंक में अधिकारी के 104 पदों के लिए भर्ती में प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के आरोप में प्रभारी प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा को राज्य सरकार ने हटा दिया है। यह कार्रवाई गुरुवार देर शाम सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के निर्देश पर की गई। प्रदीप नीखरा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर नीखरा के रिश्तेदार (भतीजा) हैं। बता दें कि प्रदीप नीखरा 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। इस मामले में जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि अपैक्स बैंक ने जनवरी 2021 में कुल 104 विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरु की थी। इसमें 29 पद महा प्रबंधक, उप प्रबंधक व सहायक प्रबंधकों के हैं। आरोप है कि इस भर्ती प्रक्रिया में बैंक भर्ती नियमों पालन नहीं किया गया। दरअसल, प्रारंभिक परीक्षा में महा प्रबंधक के 2 पर 2 और सहायक प्रबंधक के 3 पदों के लिए 3 उम्मीदवारों का मुख्य परीक्षा के लिए चयन किया गया। जबकि बैंकिंग भर्ती नियम में मुख्य परीक्षा में 1 पद पर न्यूनतम 5 उम्मीदवार होना चाहिए।

जानकारी के मुताबिक प्रबंधक, उप व सहायक प्रबंधक और नोडल अधिकारी के पद के लिए प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा के लिए जो सूची तैयार हुई, उसमें भी तय संख्या से कम उम्मीदवार रखे गए। इस गड़बड़ी की शिकायतें हुई। इसको गंभीरता से लेते हुए सहकारिता मंत्री डॉ.अरविंद सिंह भदौरिया ने अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी को परीक्षण कराकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

ज्वाइंट रजिस्ट्रार बृजेश शुक्ला करेंगे जांच
सहकारिता आयुक्त नरेश पाल के मुताबिक प्रथम दृष्टया प्रक्रिया का पालन नहीं करने संबंधी गड़बड़ी सामने आई है। मुख्य परीक्षा के लिए जिस पद के लिए जितने उम्मीदवार होने चाहिए थे, वो नहीं थे। यह गड़बड़ी किस स्तर पर हुई, इसका परीक्षण करके जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके लिए ज्चाइंट रजिस्ट्रार बृजेश शुक्ला को जिम्मा सौंपा है। बैंक के प्रभारी प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा को हटा दिया है। मुख्य परीक्षा को लेकर पूरी स्थिति साफ होने तक यथास्थिति बनाकर रखने के निर्देश विभागीय मंत्री ने दिए हैं।

यह हुई गड़बड़ी
सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक परीक्षा होने के बाद दूसरे चरण के लिए जिन पदों के लिए कम उम्मीदवार मिले थे, उसकी प्रक्रिया को कैंसिल करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसका भी कोई ठोस आधार नहीं है कि मुख्य परीक्षा के लिए जिनका चयन किया गया, उनके लिए न्यूनतम अंक क्या और क्यों रखे गए।



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