पटना। हार में राष्ट्रीय जनता दल ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने ऐलान किया कि प्रेमचंद्र गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह पार्टी के उम्मीदवार होंगे। आरजेडी की इस बाबत एकतरफा घोषणा चौंकाने वाली है। ऐसा इसलिए है कि कांग्रेस लगातार अपने उम्मीदवार के लिए आरजेडी पर दबाव बनाए हुए थी।
यही नहीं खुद बिहार के कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने पत्र लिखकर आरजेडी को अपना वादा निभाने को कहा था। लेकिन कांग्रेस की तरफ से लगातार बन रहे दबाव के बाद भी तेजस्वी यादव और आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने अपने खास लोगों को राज्यसभा भेजना का फैसला किया। इस बीच जगदानंद सिंह ने कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल के पत्र को फर्जी भी करार दिया है।
आरजेडी के दूसरे नाम ने सभी को चौकाया
जगदानंद सिंह ने गुरुवार की सुबह ऐलान किया कि आरजेडी का दो सीटों पर हक है। इस बारे में किसी और से बात करने का कोई मतलब नहीं है। सिंह ने राज्यसभा के लिए जिन दो उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की, उनमें से एक प्रेम गुप्ता का है। आरजेडी की ओर से राज्यसभा के लिए दूसरे नाम ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि दूसरे नाम की कहीं कोई चर्चा तक नहीं थी।
राज्यसभा के लिए दूसरा नाम अमरेंद्र धारी सिंह का है जो पटना के विक्रम (दुलहिन बाजार ) के रहने वाले हैं। बताया जाता है कि वह एक बड़े बिज़नेसमैन होने के साथ ही बड़े ठेकेदार भी हैं। बिहार से लेकर दिल्ली और कई अन्य राज्यों में इनका कारोबार फैला है। इसके अलावा धारी सिंह का बिहार के एक पूर्व डीजीपी से भी बेहतर संबंध है।
तेजस्वी ने रातोंरात बदल दिया उम्मीदवार
दरअसल, लालू यादव के पुत्र और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बुधवार की देर शाम पटना पहुंचे थे। उस समय तक आरजेडी से राज्यसभा के उम्मीदवार कौन-कौन लोग होंगे, यह लगभग तय हो चुका था। एक नाम लालू यादव के करीबी प्रेम गुप्ता और दूसरा नाम 2019 लोकसभा चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी रहे सैयद फैसल अली का था। एनडीए की ओर से जातीय समीकरण को साधते हुए नामों की घोषणा को देखते हुए आरजेडी के इन नामों को पक्का माना जा रहा था।
एयरपोर्ट पर क्या कहा था तेजस्वी ने?
हालांकि एयरपोर्ट पर तेजस्वी यादव ने यह कहकर चौंकाया था कि जब आरजेडी उम्मीदवार नामांकन करने जाएंगे तो सभी को खुद ही पता चल जाएगा। आज सुबह हुए ऐलान के बाद तेजस्वी यादव के कही गई बात का मतलब भी समझ में आ गया। आरजेडी की लिस्ट में लालू यादव के करीबी प्रेम गुप्ता का नाम तो था लेकिन शिवहर के सैयद फैसल अली के नाम की जगह अमरेंद्र धारी सिंह का नाम शामिल कर दिया गया।
तेजस्वी का रुख, लालू यादव से उलट
कभी लालू यादव ने 'भूरा बाल' (भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण, लाला) साफ करो का नारा दिया था। हाल के दिनों में लालू यादव ने भूमिहारों से काफी दूरी बनाकर रखी थी। उन्होंने अपने कोर वोट बैंक एमवाई (एमवाय-मुस्लिम यादव) पर ही ज्यादा विश्वास किया था। 2015 विधानसभा चुनाव में उन्होंने एक भी भूमिहार को टिकट तक नहीं दिया था लेकिन उनके बेटे तेजस्वी यादव ने आरजेडी से एक भूमिहार को राज्यसभा भेजने का फैसला कर एक बड़ा संदेश दिया है।
तेजस्वी ने नहीं दी एमवाई समीकरण को तवज्जो
मुस्लिम यादव को आरजेडी का कोर वोट बैंक माना जाता है। लेकिन शिवहर के जिस सैयद फैसल अली के नाम पर लगभग सहमति बन चुकी थी, उनके नाम को काटकर एक नए चेहरे को सामने लाकर तेजस्वी ने एक और मैसेज दिया है। शायद तेजस्वी यादव अपनी पार्टी पर लगे एमवाई के ठप्पे को हटाना चाहते हैं। पहले राजपूत जाति के जगदानंद सिंह को आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया और अब भूमिहार जाति के अमरेंद्र धारी सिंह को राज्यसभा भेजने का फैसला, इसी की ओर इशारा कर रहा है।
आरजेडी के बड़े नेता हो सकते हैं नाराज
राज्यसभा के लिए जो दो नाम सामने आए हैं, उससे आरजेडी के बड़े नेता नाराज भी हो सकते हैं। खासकर इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी के बड़े नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा जोरों पर थी। तेजस्वी ने उन्हें पूछने की बात तो दूर रघुवंश प्रसाद सिंह ने बताया कि वह तो अमरेंद्र धारी सिंह को जानते तक नहीं। अब इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले समय में आरजेडी के अंदर बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है।