इंदौर। इंदौर क्राइम ब्रांच ने नकली नोट बनाने वाले 12वीं पास छात्र को गिरफ्तार किया है। आरोपी राजकुमार तायडे आजाद नगर इलाके में किराए के मकान में रहता है। वह एक माह से नकली नोट छाप रहा था। इसके बाद नकली नोट को इंदौर समेत आसपास के इलाकों में खपा देता था। आरोपी के पास से 2.53 लाख के नकली नोट मिले हैँ। इनमें 100 के 476, 500 के 159 और 2000 के 63 नोट जब्त मिले हैं।
DIG मनीष कपूरिया ने बताया, सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति नकली नोट को बाजार और सब्जी मंडी में खपाने जा रहा है। इस पर घेराबंदी कर संदेही को पकड़ा। आरोपी ने अपना नाम राजकुमार (25) पिता अनिल तायडे निवासी आजाद नगर बताया। वह यहां लियाकत अली नाम के व्यक्ति के यहां किराए के मकान में रहता है। तलाशी में उसके पास से मोबाइल व बैग में 2,53,100 रुपए मिले। बारीकी से देखने पर पता चला कि सभी नोट नकली हैं। पूछताछ में राजकुमार ने भी गुनाह कबूल कर लिया। आरोपी ने बताया कि नोटों को वह सब्जी मंडी में ठेला व सब्जी वालों को देता था।
ऐसे बनाता था नकली नोट
आजाद नगर में राजकुमार अकेला रहता है। कमरे से पुलिस ने लैपटॉप, प्रिंटर और ए -4 साइज का हाई क्वालटी का कागज जब्त किए हैं। इनकी मदद से 100 का पुराना नोट, 500, 2000 के नए नोट की काॅपी व स्कैन कर आगे-पीछे कलर प्रिंटर लेकर ग्लास कटर व स्कैल की मदद से हूबहू काटता था। इसके बाद प्रिंट कर लेता था। आरोपी ने पहले 100 रुपए के नोट बनाकर चलाए। इसके बाद 500 और 2000 के नोट छापना शुरू कर दिए।
इंटरनेट से सीखा नोट बनाना
आरोपी सीमावर्ती गांवों व सब्जीमंडी में पिछले एक माह से करीब 10 से 20 हजार रुपए से ऊपर 100-100 के नोटों को खपा चुका है। आरोपी केसर बाग रोड फाइटिंग क्लब में ट्रेनर है। लॉकडाउन में काम छूट गया था। इस कारण इंटरनेट से रुपए प्रिंट करने की जानकारी ली। इसके बाद हाई क्वालिटी का प्रिंटर खरीदा। असली नोटों को कागज पर चिपका हुआ मार्क तैयार कर प्रिंट लेने लगा। इसमें 100 के पुराने नोटों को खपाने में आसानी रहती थी। मजदूर वर्ग, गांव वाले और हाथ ठेला वाले से खरीदी करने में 100 रुपए का उपयोग करता था।
आरोपी के पास से जब्त सामग्री।