मुरैना। पापा, कहते थे कि प्रियंका बिटिया की डिग्री पूरी हो जाए तो मैं उसके हाथ पीले कर दूं। विधाता ने उनकी यह इच्छा भी पूरी नहीं होने दी। अगर उनके सामने ही बिटिया के हाथ पीले हो जाते तो, दुनिया से जाते समय उनके मन में चिंता नहीं रहती। यह बात जौरा निवासी, शिक्षक गोपाल शर्मा के बड़े बेटे प्रवीण शर्मा ने जब कही तो उनके आंख में आंसू आ गए। गोपाल शर्मा को कोरोना ने छीन लिया।
गोपाल शर्मा शासकीय माध्यमिक विद्यालय, जौरी में शिक्षक थे। 17 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव की आई थी। 19 अप्रैल को उन्हें जिला अस्पताल मुरैना में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। सप्ताह भर तक वह मौत से लड़ते रहे तथा 27 अप्रैल को उनका कोरोना से निधन हो गया था। संस्था के प्रभारी श्रषि कुमार शर्मा का कहना है कि गोपाल शर्मा एक जिम्मेदार शिक्षक थे। वे हमेशा अपने काम के प्रति सजग रहते थे। उनके विद्यार्थी हमेशा उनका आदर करते थे। उनके पढ़ाए हुए कई स्टूडेंट्स आज, ऊंचे ओहदों पर हैं।
बिटिया के हाथ पीले करने की है तमन्ना
अपनी बिटिया प्रियंका के हाथ पीले करने की शिक्षक गोपाल शर्मा को बहुत चाहत थी। वह अपनी बेटी को बहुत चाहते थे। प्रियंका दो भाइयों में इकलौती है। प्रियंका शर्मा बीटेक कर रही है। इस साल उसका फायनल ईयर है। वह चाहते थे कि जैसे ही उसकी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी हो जाए, वह उसकी शादी जल्द से जल्द कर दें। इस बात को उन्होंने बीमारी के दौरान अपनी पत्नी से भी कहा था।
घर का मुखिया जाने से, बिखर गया पूरा परिवार
शिक्षक गोपाल शर्मा की ग्रहस्थी अभी कच्ची है। उनके दो बेटों के बाद बेटी सबसे छोटी है। बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। परिवार के मुखिया गोपाल शर्मा ही थे जो, पूरी गृहस्थी को सम्हाले हुए थे। उनके जाने के बाद उनका पूरा परिवार बुरी तरह बिखर गया है।
आस-पास के लोगों के प्रिय थे गोपाल शर्मा
शिक्षक गोपाल शर्मा अपने पड़ोसियों की बहुत मदद किया करते थे। वह कई गरीब बच्चों को मुफ्त में ही ट्यूशन दिया करते थे। उनकी पत्नी कहती थीं कि बच्चों के लिए कुछ सोचो, तो वह हमेशा कहा करते थे, जब हम दूसरों के लिए सोचेंगे तो भगवान, हमारे लिए सोचेगा। आज, उनका परिवार कह रहा है कि शायद, विधाता को यही मंजूर था।