कोरोना संकट के बीच महिलाओं ने 4 लाख मास्क और 9000 PPE किट बना कमाएं करोड़ों

Posted By: Himmat Jaithwar
6/9/2021

ग्वालियर: कोरोना के संक्रमण काल में जहां देश विदेश में लोगों का रोजगार छिन गया कई परिवारों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट आ खड़ा हुआ. उसी संकट के दौर में ग्वालियर जिले की महिलाओं ने आपदा में अवसर खोजते हुए मास्क पीपीई किट, स्कूल ड्रेस और अन्य घरेलू उत्पाद का निर्माण करके 4 करोड़ 61 लाख रुपए कमाए हैं. जो अपने आप में रिकॉर्ड कमाई है. 

दरअसल ग्वालियर जिला पंचायत के अंतर्गत 256 ग्राम पंचायतें आती हैं. उनमें से 200 गांव में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभाग के द्वारा स्व सहायता समूह का गठन किया गया और इनकी रूचि के हिसाब से घरेलू उत्पाद तैयार कराने की ट्रेनिंग भी दी गई है.

4 लाख मास्क, 9000 पीपीई किट तैयार की
महिलाओं को जिला प्रशासन ने मास्क, पीपीई किट तैयार करने के लिए रो-मटेरियल उपलब्ध कराया. इन सभी समूह ने कोरोना की दोनों लहरों के बीच लगभग चार लाख मास्क का निर्माण किया, इसके अलावा 9000 पीपीई इनके द्वारा तैयार की गई. इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में बच्चों को मुफ्त दिए जाने वाली यूनिफॉर्म भी इन्होंने ही सिली. कोरोना के इस संक्रमण के इस दौर में इन महिलाओं ने एक लाख 25 हजार बच्चों की ड्रेस सिली है.

4 करोड़ की आमदनी हुई
इस सबसे महिलाओं को 4 करोड़ 61 लाख रुपए की आमदनी हुई है. इस समूह से 200 गांव की लगभग 3500 महिलायें जुड़ी है. जिनमे से 2348 महिलाओं ने इस दौरान काम किया है. अगर एवरेज देखा जाए तो प्रत्येक महिला की मासिक आय 10000 से ऊपर निकल चुकी है.

अब अच्छा जीवन जी रहे है.
कोरोना संक्रमण काल में लगातार काम कर रही इन महिलाओं का कहना है कि स्व सहायता समूह से जुड़ने के पहले यह घर के रोजमर्रा के काम करती थी और उनके पति कमाई करते थे. उसी से उनके घर का गुजारा होता था लेकिन जब लॉकडाउन लगा और पति की नौकरी चली गई तो घर चलाना मुश्किल हो गया. उसके बाद उन्होंने सहायता समूह का गठन किया. जिसके दम पर आज वह कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी अच्छा जीवन जी पा रहे हैं. 

आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया

वहीं इन महिलाओं की सफलता पर जिला पंचायत ग्वालियर के सीईओ किशोर कन्याल का कहना हैं कि ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत इन महिलाओं को पहले ट्रेनिंग दी गई. उसके बाद इन्हें रॉ मटेरिअल उपलब्ध कराया गया और जब इन लोगों ने सामग्री तैयार की तो उसे मार्केट उपलब्ध कराने का काम भी जिला पंचायत ने किया है. हम लोग महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं. जिसमें महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.



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