राजगढ़। कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मची थी। बीते 5 जून को ही विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। दुनिया भर समेत प्रदेश में भी ऑक्सीजन देने वाले पेड़ लगाने और उन्हें बचाने का संकल्प लिया गया, लेकिन राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में ठीक दो दिन बाद ही सैकड़ों पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई। यहां हरे-भरे पेड़ों पर वन माफिया ने बेरहमी से आरी चला दी। जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को ये तक नहीं पता कि ये पेड़ किसने और क्यों काटे? मामला मीडिया में आने के बाद नोटिस देने की बात कही जा रही है।
ग्राम कोटरीकंला-हिनोतिया रोड पर करीब एक किमी क्षेत्र में सड़क के दोनों किनारों पर लकड़ियों का ढेर लगा है। इनमें कई पेड़ तो बिल्कुल हरे-भरे हैं। बताया जाता है कि कोटरीकंला क्षेत्र से जुड़े वनमाफिया ही इन लकड़ियों को ठिकाने लगाने में जुटे हैं। क्षेत्र में मीडिया पहुंची, तो लकड़ियों को ट्रकों में लोड़ करवाने की तैयारी में जुटे लोग इनकी अनुमति होने का दावा करते नजर आए। सवाल ये है, आखिर इतनी बड़ी तादाद पेड़ों की कटाई की अनुमति कैसे दी जा रही है? मामला सामने आने के बाद प्रशासन मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कह रहा है।
राजस्व और वन विभाग के जिम्मेदारों को नहीं पता
नरसिंहगढ़ क्षेत्र आसपास वन भूमि से घिरा है। क्षेत्र में कृषि का रकबा भी अधिक होने के कारण यहां वनमाफिया भी सक्रिय हैं। क्षेत्र में अवैध रूप से वृक्षों की कटाई की जा रही है। बड़ी बात यह है कि क्षेत्र में राजस्व, वन विभाग समेत पुलिस टीमें तैनात हैं। बावजूद इतनी बड़ी तादाद में लकड़ियों की तस्करी पर राजस्व और वन विभाग ने चुप्पी साधे है।
बिना टीपी के लोड हो रहीं गाड़ियां
क्षेत्र में रातों-रात वनों से वृक्ष काटकर लकड़ियां गाड़ियों में लोड़ होकर बिकने पहुंच जाती हैं। नियमानुसार पेड़ों की लकड़ियों के व्यापार के लिए भी पहले वन विभाग द्वारा टीपी जारी होती है। उसके बाद गाड़ी को लोड़ कर परिवहन किया जा सकता है, लेकिन क्षेत्र में बिना टीपी के ही गाड़िया लोड़ हो रही हैं।
DFO ने कहा- हमने अनुमति नहीं दी
राजगढ़ DFO ने मामले में बोलने से इंकार कर दिया, लेकिन वे यह कहते नजर आए कि लकड़ियां काटने के अनुमति वन विभाग की ओर से नहीं दी गई। इस कारण हम कार्रवाई नहीं करेंगे। राजस्व विभाग की कोई भी निजी लकड़ी चाहे बबूल हो या सागौन इसकी अनुमति राजस्व विभाग देता है।
ADM भी झाड़ रहे पल्ला
राजगढ़ ADM कमल नागर का कहना है, मैंने नरसिंहगढ़ SDM से बात की है। उनके द्वारा बताया गया है कि तलेन, नरसिंहगढ़ और बोड़ा तीन क्षेत्र में अनुमति देकर पेड़ काटे गए हैं, लेकिन उन्हें काटने के पश्चात एक जगह लाकर पेड़ों को रख दिया गया है। मैंने SDM से कहा है कि जिन्होंने पेड़ काटे हैं, उन्हें नोटिस जारी किया जाए। मामले जांच के आदेश दिए गए हैँ।