भोपाल। मध्यप्रदेश कैबिनेट की पहली फिजीकल मीटिंग में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा नाराज हो गए। बैठक में उन्होंने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (NVDA) के 3 सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ के टेंडर बुलाने पर आपत्ति जताई। कोरोनाकाल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिति को देखते हुए टेंडर बुलाना चाहिए। संक्रमण में अन्य विभाग के बजट में कटौती कर दी गई, तो फिर इन प्राेजेक्ट पर इतना बजट क्यों?
गृह मंत्री इसे लेकर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस से सवाल किए और नाराजगी जताई। मुख्य सचिव ने जवाब दिया कि नर्मदा जल बंटवारे के तहत 2024 तक ज्यादा से ज्यादा पानी मध्यप्रदेश को मिले, इसके लिए पाइप लाइन डालकर पानी को लिफ्ट करना जरूरी है। हालांकि, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। बता दें कि नर्मदा घाटी विकास मंत्रालय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है और मीटिंग में CM की मौजूदगी में ही गृह मंत्री ने अपनी आपत्ति जताई।
मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव के जवाब के बाद भी नरोत्तम मिश्रा नहीं रुके। उन्होंने लगातार दो-तीन सवाल किए। इस बीच, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव मामले की नजाकत को भांप गए। चूंकि यह प्रस्ताव अनुसमर्थन के लिए कैबिनेट में लाया गया था। अगर इसे स्वीकृत नहीं करते तो मुख्यमंत्री की मानहानि हो जाती। ऐसे में भार्गव ने यह कह कर मामला शांत कराया कि NVDA टेंडर जारी कर चुका है, इसलिए अब इस प्रस्ताव को मंजूर किया जाना ही सही होगा।
गृह मंत्री की नाराजगी के चलते 7 प्रोजेक्ट लौटाने पड़े
सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश को आवंटित नर्मदा जल का उपयोग करने के लिए 3 सिंचाई परियोजनाओं को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई। नर्मदा घाटी विकास विभाग इन परियोजनाओं के लिए टेंडर बुला चुका है। वहीं सात दूसरे प्रोजेक्ट पर नर्मदा नियंत्रण मंडल से मंजूरी के बाद फैसला लिया जाएगा। कह सकते हैं कि गृह मंत्री की नाराजगी के चलते ये प्रोजेक्ट फिलहाल टालने पड़ गए।
कैबिनेट की प्रेस ब्रीफिंग नहीं की
सूत्रों का कहना है, बैठक में मुख्य सचिव के साथ हुई नोकझोंक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा नाराज हो गए थे। यही वजह है कि उन्होंने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देने के लिए प्रेस ब्रीफिंग नहीं की। बैठक से निकलकर गृह मंत्री सीधे आवास पर चले गए।
नाराज गृह मंत्री ने प्रेस ब्रीफिंग नहीं की, पार्टी संगठन मनाने में जुटा
सूत्रों का कहना है कि बैठक में मुख्य सचिव के साथ हुई नोकझोंक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा नाराज हो गए थे। यही वजह है कि उन्होंने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देने के लिए प्रेस ब्रीफिंग नहीं की और बैठक से निकलकर वे सीधे अपने आवास पर चले गए। बताया जा रहा है कि अब पार्टी संगठन उन्हें मनाने में जुटा है।