जबलपुर। सिविल लाइन थाना परिसर में NSUI के अध्यक्ष ने सरेआम गुंडागर्दी की। अध्यक्ष ने अपने ही संगठन के पूर्व महासचिव को लात-घूसों से पीट डाला। पुलिस वालों ने बीचबचाव की कोशिश तो की, लेकिन सख्ती से रोकने का प्रयास नहीं किया। आरोपी अध्यक्ष पुलिस के सामने ही उसे पीटता रहा। वह पुलिस द्वारा किए जा रहे चालान का विरोध गांधीगीरी से करने थाने पहुंचा था। सिविल लाइंस पुलिस ने शिकायत पर NSUI अध्यक्ष समेत तीन के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।
NSUI छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष विजय रजक के साथ कभी कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाला पूर्व महासचिव शुक्ला नगर मदनमहल निवासी अंशुल सिंह ठाकुर को वर्तमान में संगठन से निष्कासित कर दिया गया है। सोमवार को अंशुल को पकड़ कर विजय रजक, देवेंद्र काछी और सिविल लाइंस निवासी शुभांशु कन्नौजिया सिविल लाइंस थाने पहुंचे।
सिविल लाइंस थाना परिसर में मारपीट करते हुए।
थाना परिसर में ही करने लगे मारपीट
तीनों आरोपी अंशुल ठाकुर को सिविल लाइंस थाना परिसर में ही लात-घूंसों से मारने-पीटने लगे। एक पुलिस वाला दौड़ा तो विजय रजक ने उसे डांट कर रोक दिया। शोर-शराब सुनकर अंदर बैठे और स्टाफ पहुंच गए। अंशुल को तीनों आरोपियों के कब्जे से छुड़ाकर अंदर ले गए। बाजवूद अध्यक्ष की सीनाजोरी कि वह भी पुलिस वालों के पीछे-पीछे अंदर तक चला गया।
पुलिस वालों के सामने भी मारता रहा आरोपी विजय रजक।
अंदर भी पुलिस वालों से NSUI अध्यक्ष ने की बहस
थाना परिसर में मारपीट करने वाला NSUI अध्यक्ष थाने के अंदर भी पुलिस वालों से बहस करता रहा। हालांकि सिविल लाइंस पुलिस ने पीड़ित अंशुल ठाकुर की शिकायत पर विजय रजक, देवेंद्र काछी और शुभांशु कन्नौजिया के खिलाफ मापीट, धमकी देने का प्रकरण दर्ज कर लिया है।
संगठन के नाम पर वसूली करने का लगाया आरोप
पीड़ित अंशुल ठाकुर पर NSUI अध्यक्ष और आरोपी विजय रजक ने संगठन के नाम पर वसूली करने का आरोप लगाया। बताया कि 2019 में ही उसे संगठन से निष्कासित कर दिया गया है। बावजूद वह संगठन का नाम लेकर और धरना-प्रदर्शन व ज्ञापन की धमकी देकर अधिकारियों को ब्लैकमेल करता है। इसी तरह की ब्लैकमेलिंग की सूचना पर वे पहुंचे तो अंशुल मिल गया।
नीले शर्ट में NSUI अध्यक्ष विजय रजक अंशुल ठाकुर को मारते-पीटते हुए।
गांधीगीरी तरीके से गए थे चालान का विरोध करने
पीड़ित अंशुल ठाकुर ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत में बताया कि दोपहर में भारतीय युवा कांग्रेस के शुभम बोहित की अगुवाई में वह कोरोना महामारी के दौरान महंगाई व आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों का पुलिस द्वारा बनाए जा रहे चालान वाली कार्रवाई का विरोध करने पहुंचा था। उसने गांधीगीरी तरीके से पुलिस को फूल भेंट कर चालानी कार्रवाई रोकने संबंधी ज्ञापन सौंप रहा था, तभी विजय रजक और उसके साथी पहुंच गए और जिला महासचिव के पद से पूर्व में निष्कासित किए जाने की बात पर मारपीट करने लगे।