भिंड। भिंड जिले की प्रथम महिला विधायक रही सुशीला सिंह भदौरिया का रविवार को निधन हो गया। वे 95 साल की थीं। वर्ष 1957 से 1962 तक गोहद सामान्य विधानसभा सीट से विधायक रहीं। चुनावी मैदान में राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने टिकट देकर सुशीला सिंह भदौरिया को मैदान में उतारा था। राजमाता की पहल ने सुशीला को जिले की प्रथम महिला विधायक होने का गौरव मिला था। पूर्व विधायक का अंतिम संस्कार सोमवार को गोहद में बैसली डैम के पास स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा।
श्रीमती भदौरिया पिछले 10 दिनों से अस्वस्थ चल रही थीं। डॉक्टरों द्वारा गोहद स्थित निवास पर ही उनका इलाज शुरू किया था। रविवार शाम को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी, इसके बाद डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर ने नब्ज को देखकर मृत घोषित कर दिया। प्रथम महिला विधायक के शोक की खबर से जिले के राजनेता, जनप्रतिनिधि व समाजसेवियों में शोक की लहर दौड़ गई। आज 7 जून सोमवार को बैसली डैम स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
घर से लेकर विधानसभा तक का सफर
पूर्व विधायक सुशीला भदौरिया के बेटे शैलेंद्र सिंह भदौरिया के मुताबिक पिता सोबरन सिंह कांग्रेस के सक्रिय नेता थे। जिलेभर की सक्रिय राजनीति में थे। राजनीति में सक्रिय व ईमानदार छवि के चलते राजमाता सिंधिया बेहद पसंद करती थीं। उनकी मां सुशीला को टिकट दिया। उन दिनों मेरा परिवार जस्त का पुरा गांव में रहता था। राजमाता सिंधिया ने पिता को फोन पर टिकट होने की सूचना दी थी। उस वक्त मां घर के कामकाज को संभालती थीं। इसके बाद विधायक चुनने के बाद उन्होंने पांच वर्ष तक गोहद के लोगों की सेवा की। इसलिए आज भी गोहद क्षेत्र की जनता के लिए आज भी लोकप्रिय छवि थी।