भोपाल। प्रदेश में भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल छठे दिन भी जारी रही। शनिवार को जूडा ने कॉलेज की बिल्डिंग के गेट पर खून से सना एप्रिन टांगकर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि देश में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा हो रही है। हम जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। सम्मान करने के बजाय हमें हॉस्टल खाली करने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं।
जूडा ने दिनभर प्रदर्शन के दौरान हॉस्टल का सामान बाहर रखकर विरोध जताया। भोपाल में एक दिन पहले 28 जूनियर डॉक्टरों को नोटिस देने के बावजूद जूडा हटने को तैयार नहीं हैं। हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को हाईकोर्ट ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। शनिवार तक 50 घंटे हो चुके थे, लेकिन वे काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं। इधर, सरकार भी सिर्फ चेतावनी दे रही है, कार्रवाई को लेकर अब तक कुछ साफ नहीं है।
जूडा के खिलाफ हाईकोर्ट की अवमानना की याचिका
जूडा हड़ताल के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में एक्टिविस्ट डॉ. एमए खान ने याचिका दायर की। जिसमें जूडा पर अवमानना का मामला चलाने की मांग है। विशेषज्ञों के मुताबिक जूडा कोर्ट के आदेश की अवमानना कर ही रहे हैं, यदि राज्य सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो सरकार पर भी अवमानना का केस हो सकता है। वहीं जूडा ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है, लेकिन वे अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि कोर्ट जाएं भी या नहीं। वे 3 दिन से याचिका दायर नहीं कर पाए हैं।
इंदौर-भोपाल में मरीजों के लिए किया ब्लड डोनेट
प्रदर्शन के दौरान जूडा ने शनिवार को ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन भी किया। इस कैंप में 45 यूनिट ब्लड दान किया गया। जूडा ने बताया कि अभी अधिकांश लोगों को कोरोना होने और कोरोना वैक्सीन लगवाने के कारण ब्लड डोनेट नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में मरीजों को ब्लड के लिए परेशानी हो रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जूडा ने हमेशा की तरह इस बार भी रक्तदान किया है। इंदौर में एमवायएच के ब्लड बैंक में भी जूनियर डॉक्टर्स ने ब्लड डोनेट किया।
वीडी शर्मा बोले- जूडा ऐसे नहीं है कि ब्लैकमेल करें
राज्य सरकार जूडा पर सख्ती कर रही है, वहीं भाजपा संगठन का उन्हें साथ मिला है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि जूडा ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं, ऐसा नहीं कहा जा सकता। जूनियर डॉक्टर्स की कुछ समस्या होगी, शासन भी सुन रहा है और मैं भी उनसे बात कर रहा हूं। मगर उनको भी समझना चाहिए कि कोरोना के कठिन समय को अवसर न बनाएं। वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जूडा को हड़ताल समाप्त कर देना चाहिए, सरकार बातचीत को तैयार है।
भास्कर अपील; युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है। कोरोना से लड़ाई में मध्यप्रदेश को आपकी जरूरत है। जिस जनता के टैक्स के पैसों से आपको स्टायपेंड मिलता है, उन्हें इलाज देने से आप इनकार कैसे कर सकते हैं?
तीन दिन पहले हाईकोर्ट ने कहा था- "आप डॉक्टर अपनी शपथ भूल गए हैं।' भास्कर आपको वही शपथ याद दिला रहा है
मैं शपथ लेता हूं कि... जितना भी चिकित्सा शास्त्र मैंने सीखा है, उससे अपनी योग्यता और क्षमता के अनुसार मरीज के इलाज के लिए पूरा प्रयास करूंगा। मरीज की सेहत के लिए मुझे खानपान में परहेज करना पड़ेगा तो मैं यथा संभव ऐसा करूंगा। किसी भी नुकसान और अन्याय से मरीज की रक्षा करूंगा। मैं किसी के मांगने पर भी उसे जहरीली दवा नहीं दूंगा और न ही ऐसी दवा लेने की सलाह दूंगा।
मैं जिस किसी रोगी के घर जाऊंगा, उसकी भलाई के लिए ही काम करूंगा। किसी के साथ जानबूझकर अन्याय नहीं करूंगा। अगर मैं इस शपथ को पूरा करूं और कभी इस शपथ के विरुद्ध न जाऊं तो मेरी दुआ है कि मैं अपने जीवन और इस कला का आनंद लेता रहूं। समाज में मेरा खूब नाम हो। लेकिन, अगर मैंने कभी ये शपथ तोड़ी और झूठा साबित हुआ तो इस दुआ का बिल्कुल उलटा असर मुझ पर हो।