बैतूल। जातीय संघर्ष का एक मामला मुरैना में सामने आया है। यहां पूर्व सरपंच (पंडित) के घर की टॉयलेट दलित लड़के के ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर से टूट गई। वे गुस्साए और भला-बुरा कहकर लड़के को भगा दिया। कुछ देर में माथा ठनका कि एससी एसटी एक्ट लग गया, तो मुसीबत हो जाएगी। उन्होंने मजबूत केस खड़ा करने की सोची। दलित की खाली ट्रॉली रेत भर दी। चंबल की अवैध रेत परिवहन करना बताकर दलित के ट्रैक्टर-ट्रॉली को पुलिस को जब्त करा दिया।
इस बीच, मुरैना वन विभाग को चंबल से जुड़ी रेत जब्ती का मामला पता चला, तो उसने पुलिस को चिट्ठी लिख दी। इससे पहले दोनों पक्षों में समझौता हो गया और ट्रैक्टर छोड़ दिया गया। पूर्व सरपंच ने रेत कहां से भरी, यह जवाब नहीं मिल रहा। वन विभाग पुलिस से सवाल पूछ रहा है, पुलिस ने कहा- हमारी रिपोर्टिंग वन विभाग को नहीं है। कोई पत्र नहीं मिला है।
थाने में की थी अवैध रेत परिवहन की शिकायत
लड़के को भगाए जाने के बाद पूर्व सरपंच रामलखन शर्मा थाने पहुंचे। बताया कि चंबल की रेत भरकर ला रहे रघुराज पुत्र प्यारेलाल जाटव निवासी ग्राम कुटरावली ने शौचालय की दीवार तोड़ दी। पुलिस ने दोनोें पार्टियों को बुलाया। जब जांच की तो मामला सामने आ गया। बाद में दोनों पक्ष राजीनामा करने के लिए तैयार हो गए, तो कैलारस थाना टीआई ने अवैध रेेत को पलटवाकर ट्रैक्टर छोड़ दिया।
एसडीओ की चिट्ठी पर पुलिस जवाब नहीं दे रही
इस बीच वन विभाग को अवैध रेत की खबर लग गई तो, विभाग की एसडीओ श्रद्धा पांढ़रे ने टीआई को पत्र जारी कर दिया कि जब तक अवैध रेत किसकी है, उसका पता न लग जाए ट्रैक्टर-ट्राॅली को न छोड़ा जाए। टीआई पहले ही ट्रैक्टर ट्राॅली छोड़ चुके थे। लिहाजा, अपने को फंसता देख, टीआई ने यह कहते हुए नोटिस लेने से इंकार कर दिया। उनका कहना है, वह एसडीओ के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं।
यह चिट्ठी जारी की गई
एसडीओ द्वारा टीआई को जारी किया गया पत्र
वन विभाग की चिट्ठी नहीं ले रही है पुलिस
इसी बीच, वन विभाग की एसडीओ श्रद्धा पांढ़रे को सूचना मिली कि उस ट्रैक्टर-ट्राॅली में अवैध रेत भरा है। उन्होंने टीआई को पत्र जारी कर दिया, जब तक ट्रैक्टर-ट्राॅली में भरे अवैध चंबल के रेत के मालिक का पता न लग जाए, उस ट्रैक्टर-ट्राॅली को न छोड़ा जाए। पांच दिन बाद टीआई ने रेत को थाने में खाली करवाकर ट्रैक्टर-ट्राॅली उसके मालिक रघुराज पुत्र प्यारेलाल जाटव को सौंप दी। जब टीआई के पास वन विभाग का नोटिस पहुंचा, तो उन्होंने नोटिस लेने से इंकार कर दिया। वजह बताई कि वह एसडीओ के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते।
एसडीओ श्रद्धा पांढरे ने बताया कि मामले में टीआई के शामिल होने की शंका से इंकार नहीं किया जा सकता। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को हस्तक्षेप करना चाहिए। वहीं टीआई ओपी आर्य का कहना है कि मैने ट्रैक्टर-ट्राॅली का रेत जब्त नहीं किया था। दोनों पक्ष आए थे, जिसमें प्यारेलाल जाटव ने कहा कि मैं पूर्व सरपंच के शौचालय की टूटी दीवार जुड़वा दूंगा। इस पर जब दोनों पक्षों ने राजीनामे की बात कही, तो राजीनामा करा दिया। जहां तक रेत का सवाल है, उसकी जानकारी एसडीओ पता करें।
मामले में एसपी ललित शाक्यवार का कहना है कि मुझे मामले की जानकारी नहीं है। इस संबंध में एसडीओ व टीआई दोनों से बात करके कार्रवाई की जाएगी।