भोपाल। मरकज मस्जिद निजामुद्दीन में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इस्लाम के प्रचार के लिए भोपाल आए तबलीगी जमात के 87 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन सभी को भोपाल शहर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने का जिम्मेदार माना गया है। बताया जा रहा है कि फिलहाल यह सभी लोग विभिन्न मस्जिदों में क्वारैंटाइन किए गए हैं। इसके तत्काल बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
भोपाल समेत प्रदेशभर में अब तबलीगी जमात के उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है जिन्होंने प्रशासन से अपनी जानकारी छुपाई। इसके संकेत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिए थे। मुख्यमंत्री ने जमातियों और संक्रमित लोगों से स्वयं आगे आकर जानकारी देने को कहा था लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद प्रदेश सरकार ने एफआईआर करने के निर्देश दिए।
भोपाल में 64 विदेशी, 10 दूसरे राज्यों के और 13 लोकल क्वारैंटाइन है
जानकारी के अनुसार, भोपाल में जो जमाती क्वारैंटाइन किए गए हैं उनमें 64 विदेशी, अन्य राज्यों के 10 जमाती और इनका स्थानीय स्तर पर सहयोग करने वाले 13 लोगों की पहचान होने के बाद क्वारैंटाइन किया गया है। पुलिस एवं प्रशासन का दावा है कि यह जमाती शहर की विभिन्न मस्जिदों में अलग-अलग समय पर रहे और स्थानीय लोगों की मदद से घनी बस्तियों में समूह के तौर पर घूमकर धार्मिक प्रचार किया। इसके बाद जमातियों ने लोगों को मस्जिदों में बुलाया और लंबी बैठकें की। जमाती शहर में अलग-अलग बस्तियों में करीब एक हजार से ज्यादा लोगों से मिले। स्थानीय लोग जाने या अनजाने में अपने परिवार और अन्य लोगों के संपर्क में आए।
एक दर्जन महिला जमाती अभी भी लापता
पुलिस को जमातियों की सही संख्या भी पता नहीं चल पाई है। वहीं, भोपाल आईं करीब एक दर्जन से अधिक महिला जमातियों का पुलिस अब तक पता नहीं लगा पाई है।
31 जमाती और इनके संपर्क में 33 लोग संक्रमित चेन का पता नहीं
शहर में जो जमाती क्वारैंटाइन किए गए थे उसमें से 20 विदेशी जमाती, 11 अन्य राज्यों और इनके संपर्क में आए शहर के 33 लोगों को कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनके संपर्क में आए 300 से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। ये भी पता चला है कि इन लोगों ने जो जानकारी दी है, उसे पुलिस संदिग्ध मानकर चल रही है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि राजधानी में एक हफ्ते में जिस तेजी से संक्रमण फैल रहा है ये कम्युनिटी ट्रांसमिशन का नतीजा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अभी भोपाल में कम्युनिटी ट्रांसमिशन होने की बात से इंकार कर रहा है।