सीधी। सीधी जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 7 जिंदा लोगों को मृत बताने के मामले में नया खुलासा हुआ है। पीड़ित का दावा है कि ब्लड जांच कराने पहुंचे बच्चे की जबरन कोरोना जांच कर दी। पिता ने खून का सैंपल देने की जगह कोरोना का सैंपल बेटे दिलवा दिया। जब रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो सुनकर चौंक गए, फिर भी सिस्टम ने एक नहीं सुनी। अस्पताल में भर्ती करने की जगह जबरन होम आइसोलेट कर दिया। 20 दिन बाद मृत घोषित कर दिया।
बता दें, कुछ दिनों पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में 17 मृतकों की सूची लगाई गई। बाद में खुलासा हुआ कि इनमें 7 जिंदा हैं। सरकारी रिकाॅर्डों में मृत घोषित करने के बाद पीड़ित परिवार के सदस्य शुक्रवार को जिला मुख्यालय में पहुंचकर मीडिया के सामने बात रखी है। मृतकों की सूची में शामिल किए गए जिंदा लोगों का आरोप है कि सेमरिया अस्पताल में माधव पांडेय के नेतृत्व में सूची तैयार की गई थी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं की गई है।
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मृतकों की सूची में शामिल अनुज सिंह के पिता धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि मैं एक डॉक्टर के कहने पर बेटे का ब्लड जांच कराने सेमरिया अस्पताल पहुंचा था। जहां ब्लड जांच की जगह कोरोना जांच कर दी। दो दिन बाद रिपोर्ट आई, तो पॉजिटिव बताकर जबरन होम आइसोलेट कर दिया। फिर 20 दिन बाद 17 मृतकों की सूची में जिंदा बेटे को मरा बता दिया।
इसी बीच, 31 मई को मृतकों की सूची सोशल मीडिया में वायरल हो गई। किसी रिश्तेदार ने मेरी माता जी से पोते के मौत की जानकारी पूछी, तो वह बेहोश हो गई। आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया। अब भी रिश्तेदारों के फोन आते हैँ। जवाब दे-देकर हम थक चुके हैं।